टिकिट के लिए नेताओं की शरण में जा रही राजेश्वरी उइके

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी पुन: सरकार बनाने के लिए गंभीर नजर आ रही है जिसके लिए पार्टी ने तीन केंद्रीयमंत्री सहित सात सांसदो को मैदान में उतारा है। बताया जाता है कि भारतीय जनता पार्टी को अभी भी कांग्रेस का गढ़ कही जाने वाली लखनादौन विधानसभा से कोई मजबूत दावेदार नहीं मिल पा रहा जिसके चलते अभी तक भारतीय जनता पार्टी ने लखनादौन विधानसभा से किसी की टिकिट फायनल नहीं किया हालांकि ग्राम पंचायत धूमा की पूर्व सरपंच श्रीमती राजेश्वरी उइके टिकिट के लिए नेताओं की शरण में जरूर पहुंच रही है। गत दिवस राजेश्वरी उइके प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा से मिलने पहुंची थी। वैसे यदि वीडी शर्मा राजेश्वरी उइके के पुराने रिकार्ड को देखें तो उन्हें एहसास हो जायेंगे कि श्रीमती राजेश्वरी उइके भारतीय जनता पार्टी के लिए कितनी घातक है। चुनाव लडऩे का शौक रखने वाली राजेश्वरी उइके ने दो बार गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें जीत नहीं मिली। जब गोंडवाना ने उनके बजाय अन्य किसी को मैदान में उतारा तो राजेश्वरी उइके ने पार्टी से बगावत करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस से चुनाव लड़ लिया। राजेश्वरी उइके के बारे में कहा जाता है कि क्षेत्र में पकड़ नहीं होने के बावजूद वह कांग्रेस पार्टी को नुकसान पहुंचाने के लिए वोट काटने के लिए मैदान में खड़ी हो जाती है। बताया जाता है कि राजेश्वरी उइके के सरपंच रहते उनके सुपुत्र ने शासकीय जमीन पर कब्जा जमा लिया था जिसकी शिकायत के बाद राजेश्वरी उइके भी दोषी पाई गई थी।
उल्लेखनीय है कि सरपंच के पद का दुरूपयोग करते हुए राजेश्वरी उइके के संरक्षण में उनके पुत्र ने शासकीय जमीन में कब्जा जमाने का काम किया था जिसके बाद तत्कालीन एसडीएमआई जे खालको ने 29/11/2016 को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए आदेश दिया था कि श्रीमती राजेश्वरी उईके को ग्राम पंचायत धूमा के धारित सरपंच पद पर बनाए रखना लोकहित व शासन हित में अवांछिनी होने के कारण मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40(1) में निहित प्रावधानों के तहत ग्राम पंचायत धूमा के सरपंच पद से पृथक किया जाता है एवं इसी अधिनियम की धारा 40(2) में वर्णित प्रावधानों के तहत आगामी 6 वर्षों की कालावधि के लिए निर्वाचन के लिए निर्हित( आयोग्य) घोषित किया जाता है। छह सालो के लिए राजेश्वरी उइके को निष्कासित कर दिया गया था यदि ऐसी विवादित महिला नेत्री के ऊपर भाजपा विश्वास जताती है तो क्षेत्र के ईमानदार और निष्ठावान भाजपा कार्यकर्ताओं को कांग्रेस के सवालों का जवाब देते नहीं बनेगा।