...

प्रेस कांफ्रेंस में 15 दिन पहले आलोक दुबे ने जो स्क्रिप्ट पढ़ा वही स्क्रिप्ट पढक़र चले गए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर

सिवनी महाकौशल। भाजपा की जन आशीर्वाद रैली में शामिल होने सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर सिवनी पहुंचे। 11.00 बजे उन्होंने सिवनी की एक निजी होटल में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित किया था जिसमें वह लगभग आधा घंटे देर से पहुंचे। कार्यक्रम में पहुंचने के बाद अनुराग ठाकुर ने वही स्क्रिप्ट पढ़ा जो लगभग 15 दिन पहले प्रेस कांफ्रेस आयोजित करते हुए आलोक दुबे ने पढ़ा था। असल में मध्य प्रदेश सरकार ने 20 साल का रिपोर्ट कार्ड जारी किया था जिसके बाद आलोक दुबे ने 25 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए इन 20 सालों में भाजपा की उपलब्धि बताया था वही कागज लेकर अनुराग ठाकुर भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहुंच गए और उन्होंने वही पढ़ा जो आलोक दुबे ने पढ़ा था जिसमें कोई नई बात नहीं थी।
अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ी प्रेस कांफ्रेंस
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की प्रेस कॉन्फ्रेंस अव्यवस्थाओ की भेंट चढ़ गई। प्रेस कांफ्रेंस में पहुंचे कई मीडियाकर्मियों को कुर्सी में खड़े होकर श्री ठाकुर को सुनना पड़ा। बताया जाता है की उक्त प्रेस कांफ्रेंस में सिवनी जिले के अलावा अन्य जिले से आए पत्रकारों की भरमार थी लेकिन उन्हें भी सम्मान नही मिल पाया।
अनुराग ठाकुर से पूछना था यह सवाल
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की प्रेस कान्फ्रेस का न्यौता दैनिक महाकौशल एक्सप्रेस को भी था जिसमें शामिल होने के लिए दैनिक महाकौशल एक्सप्रेस के संपादक पहुंचे थे। प्रेस कान्फ्रेस में संपादक को केंद्रीय मंत्री से दो सवाल करना था लेकिन अव्यवस्था की भेंट चढ़ चुकी उक्त प्रेस कान्फ्रेस में सवाल करने का माहौल नहीं मिल पाया इसलिए समाचार प्रकाशन के साथ दो सवाल प्रकाशित किये जा रहे हैं जिसका जवाब केंद्रीय मंत्री के प्रतिनिधि के रूप में जिला भाजपा के अध्यक्ष आलोक दुबे, सांसद डा. ढालसिंह बिसेन, सिवनी के विधायक दिनेश राय मुनमुन में से कोई भी दे सकता है।
प्रश्र नं. 01- दैनिक महाकौशल एक्सप्रेस केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से यह पूछना चाहता था कि भारतीय जनता पार्टी को विश्व की सबसे बड़ी पार्टी कहा जाता है लेकिन वर्तमान में मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में विश्व की सबसे बड़ी पार्टी को निष्ठावान और ईमानदार कार्यकर्ता नहीं मिल पा रहे जिसके कारण आयतित नेताओं को टिकिट दी जा रही है जिसका प्रमाण यह है कि मंडला जिले के बिछिया विधानसभा से डॉ. विजय आनंद को नौकरी से स्तीफा दिलाकर पहले टिकिट दी गई फिर भाजपा में शामिल कराया गया। लांजी विधानसभा से आम आदमी पार्टी के राजकुमार कर्राहे को स्तीफा दिलाकर भाजपा की टिकिट दिलाई गई। पांर्ढुणा से जज प्रकाश उइके को स्तीफा दिलाकर पार्टी ने टिकिट दिया, बंडासागर विधानसभा से शिक्षक वीरेंद्रसिंह को स्तीफा दिलाकर टिकिट दिया गया, गुना के चाचौड़ा से आईआरएस की पत्नी श्रीमती प्रियंका मीरा को टिकिट दिया गया। सिवनी विधानसभा ही ले लिजिए पिछले चुनाव में दिनेश राय मुनमुन को पार्टी ने सदस्यता दिलाया और टिकिट दे दिया, तो क्या आपकी पार्टी में निष्ठावान व ईमानदार कार्यकर्ताओ की कोई कद्र नहीं जिसके चलते आप मूल भाजपाईयों को छोडक़र आयातित नेताओं को टिकिट दे रहे हैं।
प्रश्र नं. 02- दैनिक महाकौशल एक्सप्रेस केन्द्रीय मंत्री से यह भी पूछना चाहता था कि लोकसभा में बहुमत होने के बाद आपकी सरकार ने बिना बहस किये किसान कानून बना दिया गया। दिल्ली में सेवा बिल लाकर उप राज्यपाल को शक्तिशाली बना दिया गया, लोकसभा में सीएए, एनआरसी, ट्रिपल तलाक, 370 का मामला बिना बहस किये हुए ला लिया गया तो फिर गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का कानून क्यों नहीं बना पा रहे। देश में लगभग 09 साल से एनडीए की सरकार है और भाजपा गौसेवा के नाम से राजनीति करती है तो फिर उसे राष्ट्रीय पशु घोषित करने में आपकी सरकार रूचि क्यों नहीं दिखा रही? लेकिन सवाल अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गये।
जिला चुनाव प्रभारी वेद सिंह ठाकुर को नही दी जगह
भाजपा के कार्यकर्ताओं को सिद्धांत, अनुशासन और मान सम्मान करने की सलाह तो दी जाती है लेकिन जब इसे अमलीजामा पहनाने की बात आती है तो पार्टी के बड़े नेता ही मान सम्मान देना भूल जाते है। आज प्रेस कांफ्रेंस के दौरान केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर,संभागीय सयोजक उदय प्रताप सिंह के अलावा जिला भाजपा के अध्यक्ष आलोक दुबे, सांसद ढालसिंह बिसेन,सिवनी विधायक दिनेश राय मुनमुन, चुनाव प्रभारी और पूर्व जिला भाजपा अध्यक्ष वेदसिंह ठाकुर,पूर्व जिला अध्यक्ष नरेश दिवाकर प्रेस कांफ्रेंस के हॉल में थे जहां प्रेस कांफ्रेंस के आयोजकों ने वेदसिंह ठाकुर और नरेश दिवाकर के लिए कुर्सी कि व्यवस्था नहीं कराया। काफी देर तक दोनो नेता खड़े रहे बाद में उन्हें  पत्रकारों ने कुर्सी ऑफर किया।कुल मिलाकर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की प्रेस कॉन्फ्रेंस रस्म अदायगी बनकर रह गई।