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राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने माना, एमपीआरडीसी ने सड़क बनाने में बरती लापरवाही

चिल्पी-रायपुर राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में एमपीआरडीसी द्वारा जमकर लापरवाही बरती गई है। जिसका खामियाजा आज भी जिलेवासी भुगत रहे हैं। 92 किलोमीटर लंबे इस राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण एमपीआरडीसी द्वारा 2015-16 में अधिकृत निर्माण एजेंसी द्वारा करवाया गया। इस राजमार्ग के निर्माण में मंडला जिले के अंदर जमकर लापरवाही उजागर हुई, लेकिन एमपीआरडीसी के अधिकारियों ने इस पर चुप्पी साधी रही और इंतजार करते रहे कि कब इसे राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के सुपुर्द कर दिया जाए। राजमार्ग के निर्माण में बरती गई लापरवाही के कारण हुई। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इस मार्ग का टेकओवर करने में लेटलतीफी की और एमपीआरडीसी के अधिकारियों से सड़क निर्माण में बरती गई लापरवाहियों को ठीक करने के लिए कहा।

2015-16 में हुआ था निर्माण


राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों ने माना है कि मंडला-चिल्पी-रायपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में जमकर गुणवत्ताहीन कार्य किया गया है। जिसे सुधारा जाना एमपीआरडीसी की जिम्मेदारी बनती है। यही कारण है कि 2015-16 में राजमार्ग के निर्माण के 3 वर्षों के परफॉर्मेंस पीरियड के बाद एमपीआरडीसी के अधिकारियों को इस मार्ग की सुध लेनी थी लेकिन इसमें उन्होंने कोताही बरती।


बिना सुधार के एनएचएआई के सुपुर्द किया


राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी अमृतलाल साहू ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में की गई लापरवाही को सुधारे बिना यदि इसे एनएचएआई के सुपुर्द किया जाता और एनएचएआई ने इसका टेकओवर कर लिया होता तो शुरुआती दौर में ही राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में बरती गई खामियों को सुधारने में ही एनएचएआई को लाखों रुपए खर्च करने पड़ जाते जो कि एमपीआरडीसी को करना चाहिए था। यही कारण है कि इसका टेकओवर करने में देरी हुई है।

राजमार्ग में आई दरारें

मंडला -चिल्पी- रायपुर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण हुए कुछ वर्ष बीतने के बाद ही राजमार्ग में कई जगह दरारें आ चुकी हैं, गड्ढे पड़ चुके हैं और गड्ढे गहरे होते जा रहे हैं। अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजमार्ग के निर्माण में निर्माण सामग्रियों का उपयोग निर्धारित मापदंड के अनुसार नहीं किया गया। राजमार्ग में बनाए गए पुल में बारिश का पानी भरने पर पानी की निकासी के इंतजाम नहीं किए गए। सड़क की ढाल सही ढंग से नहीं दिए जाने के कारण राजमार्ग में बारिश के मौसम में जगह-जगह पानी भर रहा है जो दुर्घटना का कारण बन सकता है।