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आज ही के दिन संध्या ठाकुर,निधि जायसवाल और गोलू मालवीय ने कांग्रेस के साथ गद्दारी कर खिलाया था कमल

8 अगस्त सिवनी जिले की राजनीति के लिए खास दिन माना जाता है, खासकर कांग्रेस और भाजपा के लिए। आज ही के दिन बरघाट नगर में सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए कांग्रेस के 3 पार्षदों ने अपनी पार्टी के साथ गद्दारी करते हुए कमल खिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया था। आज से ठीक 1 साल पहले बरघाट नगर में कांग्रेस और भाजपा ने हाथ मिलाया था जिसकी चर्चाएं आज भी चल रही है।
असल में 2022 को हुए नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा के 05 पार्षद जीते थे, बरघाट विकास मोर्चा के 07 और कांग्रेस के सिर्फ 03 पार्षद ही जीते थे जिनमें पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमती संध्या अनिल सिंह ठाकुर ,श्रीमती निधि ऋषभ जयसवाल एवं अभिलाष गोलू मालवीय शामिल थे। कांग्रेस के तीनो ही पार्षदों ने बरघाट नगर में कमल खिलाने के लिए पार्टी और उन मतदाताओं के साथ गद्दारी किया था जिन्होंने कांग्रेस के ऊपर विश्वास जताते हुए अपना वोट दिया था। 8 अगस्त 2022 को कांग्रेस के तीनो जीते हुए पार्षदो ने कांग्रेस के सिद्धांतो को दरकिनार करते हुए कांग्रेस के तीनो ही पार्षदो ने भाजपा प्रत्याशी श्रीमती इमरता साहू को वोट दिया जिसके बदौलत बरघाट नगर परिषद में भाजपा एक वोट से जीत गई थी। आज ही के दिन इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला कांग्रेस के अध्यक्ष राजकुमार खुराना ने ना केवल तीनो पार्षदों को निष्कासित कर दिया बल्कि पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष अनिल सिंह ठाकुर एवम श्रीमती निधि जायसवाल के पति ऋ षभ जायसवाल को भी निष्कासित कर दिया। यानि कि आज का दिन बरघाट नगर कांग्रेस के लिए काला दिन ही माना जाता है। हालांकि इस बात से अनिल ठाकुर, श्रीमती संध्या ठाकुर, ऋषभ जायसवाल, श्रीमती निधि जायसवाल एवं अभिलाष गोलू मालवीय को कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि वह कभी पार्टी के प्रति ईमानदार रहे ही नहीं।
गौरतलब है कि श्रीमती संध्या अनिल सिंह ठाकुर को कांग्रेस ने बरघाट नगर में ना केवल नाम दिया बल्कि उनकी एक विशिष्ट पहचान भी बनाया था जिसका फायदा उठाते हुए अनिल सिंह ठाकुर ने पूरी कांग्रेस को अपने परिवार तक ही समेट कर रख लिया था। बरघाट नगर में अनिल सिंह ठाकुर ने कभी भी कांग्रेस को जिंदा नहीं होने दिया, यही कारण है कि बरघाट में कांग्रेस का विधायक होने के बावजूद 2022 के नगरीय निकाय चुनाव में मुश्किल से कांग्रेस 3 वोटों से ही जीत पाई थी और तीनों ही पार्षदों ने पार्टी के साथ गद्दारी कर लिया था जिसके 1 साल पूरे हो गए।