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एसी कार्यालय से कब खत्म होगा बाबू राज

सिवनी महाकौशल। वैसे तो सिवनी जिले में कई ऐसे कार्यालय है जहां अधिकारियों से ज्यादा बाबुओं की चलती है लेकिन सबसे ज्यादा सुर्खियों में जनजातीय कार्यविभाग है जहां बाबूराज कायम है और बाबू के इशारों में ही बड़े-बड़े काम होते हैं। बताया जाता है कि जनजातीय कार्य विभाग में वैसे तो आधा दर्जन से अधिक ऐसे कर्मचारी हैं जिनकी तूती बोलती है और उन्हीं के इशारों पर जनजातीय कार्यविभाग के सहायक आयुक्त काम करते हैं जिनमें से एक है सुधीर राजनेेगी। कहने को तो सुधीर राजनेगी सहायक ग्रेड 3 के पद पर पदस्थ हैं लेकिन उनकी पकड़ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह जनजातीय कार्य विभाग में कई वर्षों से पदस्थ हैं और उन्हें मलाईदार पद दिए गए हैं। उम्मीद की जा रही थी कि इस बार उन्हें जनजातीय कार्यविभाग से हटा दिया जाएगा जिसके लिए बकायदा कुछ लोग सक्रिय भी हुए थे। सूत्र तो यह भी बताते हैं कि सुधीर राजनेगी की विदाई लगभग तय हो गई थी बावजूद इसके कुछ अधिकारियों ने सुधीर राजनेगी को बचाने के लिए नीचे से लेकर ऊपर तक गुहार लगाई और उनके स्थानांतरण की फाइल रुक गई। सुधीर राजनेगी के अलावा जनजातीय कार्य विभाग में पदस्थ सहायक ग्रेड 2 यशवंत नागभिरे,लेखापाल संतोष राजनेगी के अलावा मंडल संयोजक वीरेंद्र बोरकर, राकेश दुबे जैसे कर्मचारी भी है जिनके सामने पूरा विभाग बौना नजर आता है।  बताया जाता है कि उक्त सभी कर्मचारियों के ऊपर स्थानांतरण की तलवार लटक रही थी लेकिन ना जाने अचानक क्या हुआ कि सभी के स्थानांतरण की फाईल दब गई। सूत्र बताते हैं कि सुधीर राजनेगी अपने आपको कुछ राजनैतिक लोगों का करीबी भी बताता है यही कारण है कि भाजपा के ही नेता के द्वारा की गई शिकायत के बावजूद सुधीर राजनेगी अपने पद पर बना हुआ है और यही संदेश दे रहा है कि भले ही उसकी कितनी ही शिकायत क्यों ना हो जाए लेकिन उसका स्थानांतरण होना संभव नहीं, इसके पीछे क्या कारण है यह तो सुधीर राजनेगी जैसे कर्मचारी जाने।