बाजारों में बलून बेचकर अपनी आजीविका चलाते है मृतक अंकित मिश्रा के मासूम बच्चे--
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि उनकी सरकार हर गरीब को घर देने के लिए दृढ़ संकल्पित है लेकिन हकीकत यह है कि आज भी कई गरीब झोपड़ी में अपना जीवन यापन कर रहे हैं । जिन्हे कोई मूलभूत सुविधा नहीं मिल रही ऐसा ही एक परिवार अंकित मिश्रा का है जो टपरा मोहल्ले में एक टूटी फूटी झोपड़ी में रहता है जिसके मुखिया अंकित मिश्रा की एक युवक ने चाकू से हत्या कर दिया जबकि उसकी पत्नी गंभीर घायल है। बताया जाता है की अंकित मिश्रा का परिवार समस वाडा का रहने वाला है जो लगभग 7 साल पहले से सिवनी में एक झोपड़ी बनाकर रह रहा है। अंकित मिश्रा अपने परिवार के साथ मड़ई मेले में फुटपाथ में खिलोने बेचने का कार्य कर जीवन यापन करता है। 23 मई को हथठेले में धक्का लगने की बात पर राकेश उर्फ पप्पू उर्फ मद्दी यादव ने अंकित मिश्रा के ऊपर चाकू से हमला कर दिया। जब पति को बचाने अंजना मिश्रा बीच बचाव करने पहुंची तो आरोपी ने उसे भी चाकू मार दिया जिन्हे जबलपुर रेफर किया गया था। बताया जाता है की अंकित के दो बच्चे है जिसमे एक 13 साल की पुत्री और 11 साल का पुत्र है। पिता की मौत के बाद दोनो मासूम बच्चे पिता के शव के लिए भटकते रहे लेकिन मानवीयता खो चुके सिस्टम के कारण अंकित का शव तीन दिन बाद मिला जिसका अंतिम संस्कार 28 मई को हुआ। यदि कोई मासूम बच्चों का घर जाकर देखे तो उन्हे पता चल जाएगा की आज भी कुछ लोग मजबूरी में जानवरों से भी बदत्तर जिंदगी जीने के लिए मजबूर है जिनकी कही कोई सुनवाई नहीं होती। चूंकि मासूम बच्चों के मुखिया की मौत हो चुकी है ऐसे में उनके परिवार का भरण पोषण कैसे होगा यह एक बड़ा सवाल है।
ब्राह्मण समाज पहुंचा पीडि़परिवार से मिलने----- चाकू से अंकित मिश्रा की मौत हो जाने के बाद उनका परिवार दयनीय स्थिति में है इस बात की जानकारी जब ब्राह्मण समाज को मिली तो ब्राह्मण समाज का एक प्रतिनिधिमंडल पीडि़त परिवार से मिलने पहुंचा और उन्हें कुछ आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराया । वैसे यदि पीडि़त परिवार को लेकर इसी तरह की मदद मिलते रही तो कुछ हद तक पीडि़त परिवार को राहत अवश्य मिलेगी। इस पूरे मामले में सिवनी नगर पालिका परिषद को भी मानवीयता के आधार पर उक्त परिवार का राशन कार्ड बनवाकर उन्हे नि:शुल्क अनाज उपलब्ध कराने के साथ साथ पाई एम आवास योजना का लाभ दिलाना चाहिए ताकि गरीब परिवार को दो समय का भोजन और रहने के लिए छत मिल सके।