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बरघाट के मिनी स्टेडियम में हुए भ्रष्टाचार की अब तक शुरू नहीं हुई जांच

सिवनी महाकौशल। बरघाट नगर परिषद में पहली बार भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष बना है जो कांग्रेस के नेताओं के ऊपर मेहरबान है। वैसे तो बरघाट नगर परिषद की राजनीति हमेशा से अनिल सिंह ठाकुर और उनके परिवार के इर्द-गिर्द घूमते रही है। अनिल सिंह ठाकुर और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती संध्या ठाकुर के कार्यकाल के दौरान जमकर भ्रष्टाचार भी हुआ लेकिन मजाल है कि कभी भाजपा के नेताओं ने उनके भ्रष्टाचार को उजागर किया हो जिसका कर्ज अनिल सिंह ठाकुर की धर्मपत्नी श्रीमती संध्या ठाकुर एवं कांग्रेस की पार्षद श्रीमती निधि जायसवाल ने लगभग 01 साल पहले हुए नगरीय निकाय चुनाव में उतारा जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी की श्रीमती इमरता साहू को अध्यक्ष बनाने के लिए अपना वोट भाजपा को दे दिया। श्रीमती संध्या ठाकुर और निधि जायसवाल के वोट से अध्यक्ष बनी श्रीमती इमरता साहू भी कांग्रेस के पार्षादो का एहसान मान रही है। यही कारण है कि अनिल सिंह एवं संध्या ठाकुर के कार्यकाल के दौरान बने मिनी स्टेडिय भ्रष्टाचार की भेंट चढऩे के बाद भरभराकर नीचे गिर गया बावजूद इसके अब तक इस मामले की जांच प्रारंभ नहीं हो पाई है।
याद दिला दें कि बरघाट नगर परिषद में 2005 से लेकर 2015 तक अनिल सिंह ठाकुर और उनकी पत्नी अध्यक्ष रही। इस दौरान 1 अप्रैल 2005 को तत्कालीन शिक्षा मंत्री ढालसिंह बिसेन के मुख्य आतिथ्य एवं अनिल सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में बरघाट में मिनी स्टेडियम का भूमिपूजन किया गया था और वर्ष 2012 में तत्कालीन नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर के आतिथ्य में उक्त मिनी स्टेडियम का लोकार्पण किया गया था। बताया जाता है कि ठाकुर दंपत्ति के संरक्षण में ठेकेदार ने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार करते हुए लगभग 05 साल के बाद मिनी स्टेडियम पूर्ण किया था जो लगभग 15 दिन पहले गिर गया। उम्मीद की जा रही थी कि बरघाट नगर परिषद की अध्यक्ष श्रीमती इमरता साहू इस मामले की जांच अवश्य करायेगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं।