...

भगतराम सर्वे का पढ़ाने में नहीं लगता दिल, कई महीनो से नहीं गये स्कूल

कुछ लोग ऐसे होते हैं जो शासकीय नौकरी में रहते हुए अपना मूल काम छोडक़र सेटिग में लगे रहते है। ऐसे ही एक अधिकारी जनजातीय कार्यविभाग में पदस्थ भगतराम सर्वे है। बताया जाता है कि लंबे समय तक भगतराम सर्वे लखनादौन मंडल संयोजक के पद पर पदस्थ थे जिनका एक ऑडियो फरवरी 2023 में  सामने आया था जो एक अधीक्षिका से प्रति बच्चों के हिसाब से पैसो की मांग कर रहे थे। जब उक्त ऑडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ तब भगतराम सर्वे की जांच प्रारंभ हुई। जांच के बाद 7 मार्च 2023 को भगतराम सर्वे को शासकीय उत्कृष्ट बालक छात्रावास लखनादौन के अधीक्षक के पद से हटाते हुए उन्हे शैक्षणिक कार्य संपादन के लिए शासकीय माध्यमिक शाला पाना बुढवानी विकासखंड लखनादौन में पदस्थ कर दिया गया लेकिन अपनी उच्च स्तरीय सांठगांठ के चलते श्री सर्वे उक्त स्कूल में पढ़ाने गये ही नहीं। सूत्र बताते हैं कि लंबे समय से शैक्षणिक कार्य से दूर रहने वाले भगतराम सर्वे का मन अध्यापन कार्य में लगता ही नहीं, वह हमेशा इस सेटिंग में रहते हैं कि किसी भी तरह से उन्हें किसी छात्रावास में अधीक्षक का पद मिल जाये ताकि वह अधीक्षक की आड़ में अन्य छात्रावासो में भी अपना सिक्का चला सके। सूत्रों की माने तो लगभग छह महीने तक स्कूल से नदारद रहने वाले भगतराम सर्वे का वेतन नहीं रूका और स्कूल गये बिना उन्हें बकायदा भुगतान होते रहा जो यह बताने के लिए काफी है कि जनजातीय कार्यविभाग में पदस्थ भगतराम सर्वे के इशारो में ही जनजातीय कार्यविभाग काम करता है। यदि कोई अन्य शिक्षक स्कूल ना जाये तो विभाग के आला अधिकारी ना केवल उसका वेतन रोक देते है बल्कि उसके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही भी शुरू कर देते है लेकिन भगतराम सर्वे एक ऐसे शिक्षक है जिनका वेतन बराबर निकल रहा है और वह लखनादौन मुख्यालय में ही रहते है।
अधीक्षक के साथ साथ मंडल संयोजक भी थे सर्वे
भगतराम सर्वे की उच्च स्तरीय पकड़ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह ना केवल उत्कृष्ट बालक छात्रावास लखनादौन में अधीक्षक के पद पर पदस्थ थे बल्कि उनहें लखनादौन मंडल संयोजक का प्रभार भी दिया गया था। मंडल संयोजक होने का फायदा उठाते हुए भगतराम सर्वे के द्वारा क्षेत्र के हॉस्टल अधीक्षक से बकायदा कमीशन की बातें की जाती थी जिसका एक ऑडियो वायरल होने के बाद जनजातीय कार्यविभाग के अधिकारियों की छवि धूमिल हुई थी जिसके बाद उन्हें 7 मार्च को अधीक्षक के पद से हटा दिया गया था लेकिन वर्तमान में वह स्कूल जाने से परहेज कर रहे हैं।