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भाजपा से गद्दारी कर पार्षद का चुनाव लड़ चुके रामलाल राय को बरघाट

नगरीय निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से गद्दारी कर सीव्ही रमन वार्ड से निर्दलीय चुनाव लडक़र पार्टी के प्रत्याशी ज्ञानचंद सनोडिया को हराने का प्रयास करने वाले रामलाल राय इन दिनों अपने आप को बरघाट के प्रत्याशी कमल मर्सकोले का करीबी बताते हुए बरघाट विधानसभा का प्रभारी बताते घूम रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि रामलाल राय यह भी प्रचारित कर रहे हैं कि उन्हें कमल मर्सकोले की अनुशंसा के चलते जिला भाजपा के अध्यक्ष ने बरघाट विधानसभा का प्रभारी बना दिया हालांकि इस आशय की अधिकृत पुष्टि जिला भाजपा के किसी भी नेता ने नहीं किया और ना ही अधिकृत रूप से कोई विज्ञप्ति जारी की गई है लेकिन सूत्र बताते हैं कि रामलाल राय अपने आपको विधानसभा का प्रभारी मानने लगे है।
अभी अजय डागोरिया है विधानसभा प्रभारी
बताया जाता है की बरघाट विधानसभा क्षेत्र का प्रभार जिला भाजपा के महामंत्री अजय डागोरिया के पास है लेकिन रामलाल राय लाल स्वयं प्रभारी बनना चाहते है। भारतीय जनता पार्टी का संगठन भी इस बात को अच्छी तरह से जानता है कि पार्टी से गद्दारी करने वाले रामलाल राय को यदि वह विधानसभा का प्रभारी बनाते हैं तो इसका खामियाजा कमल मर्सकोले को भुगतना पड़ सकता है क्योंकि रामलाल राय के बारे में कहा जा रहा है कि वह पद के लालची है जब पार्टी से उन्हें टिकिट नहीं मिली थी तो उन्होंने सीव्ही रमन वार्ड से पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी को हराने के लिए निर्दलीय फार्म भर दिया था हालांकि रामलाल राय ने निर्दलीय चुनाव लड़ा भी बावजूद सके सीव्ही रमन वार्ड से भाजपा की ही जीत हुई। बाद में रामलाल राय यह समझ गये कि पार्टी के बिना उनका अस्तित्व कुछ नहीं है तो उन्होंने उच्च स्तरीय सांठगांठ करते हुए भारतीय जनता पार्टी में पुन: प्रवेश ले लिया और अब वह विधानसभा बरघाट के प्रभारी बनने का सपना संजोने लगे है। यदि रामलाल राय को बरघाट विधानसभा का प्रभारी बनाया जाता है तो फिर कमल मर्सकोले के सपनों में पानी फिर सकता है और वह बैकफुट में आ सकते हैं ऐसे में देखना यह है कि कमल मर्सकोले रामलाल राय से दूरिया बनाते हैं या फिर उन्हें चुपचाप विधानसभा प्रभारी बनता      देखते हैं।