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चपल्लो से पिटने के बाद पार्षद ने क्यों कर लिया समझौता?

सिवनी महाकौशल। 2 दिन पहले महामाया वार्ड की पार्षद श्रीमती रामकुमारी बरमैया अपने पति व कुछ भाजपा नेताओं के साथ कोतवाली पहुंची थी और एफआईआर दर्ज कराते हुए बताया था कि वह अपनी मुंहबोली मां को डॉक्टर के पास ले जाने के लिए पति के साथ बाइक से सोमवारी चौक ऑटो लेने जा रही थी तभी रास्ते में महेंद्र भांगरे पिता जागेश्वर भांगरे मिल गया जिसने उसके पति की बाइक रोका और कहा कि तुम प्रतिक्षालय में बकरा बकरी क्यों नहीं बांधने देती कहते हुए गाली गलौच कर चप्पलों से पिटाई कर दिया जिसके बाद भाजपा की पार्षद रामकुमारी बरमैया की रिपोर्ट पर महेंद्र भांगरे के विरुद्ध धारा 341,294,323, 506 के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया था। बताया जाता है कि इस पूरे मामले को लेकर पीडि़त का परिवार भी कोतवाली पहुंचा था लेकिन उनकी एफआईआर दर्ज नहीं हुई थी तब आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष दुर्गेश विश्वकर्मा भी थाना पहुंचे थे और वह लाइव हुए थे तब पीडि़त की पुत्री ने बताया था कि उसके पिता ने पार्षद से साफ सफाई कराने के लिए कहा था इस बात से नाराज होकर पार्षद ने चप्पलों से पिता को पीटा था और लड़कियो के साथ गाली गलौच करते हुए अपशब्द कहा था। पीडि़त की पुत्री ने अपना दर्द बयां करते हुए रोने लगी थी। बताया जाता है कि घटना के चंद घंटे बाद उसी दिन 24 जुलाई को श्रीमती रामकुमारी पति रामकुमार बरमैया ने महेंद्र भांगरे के साथ समझौता कर लिया। बताया जाता है की पार्षद रामकुमारी बरमैया  ने एक शपथ पत्र देते हुए नोटरी कराया। प्रश्न यह उठता है की एफआईआर के चंद घंटे के भीतर भाजपा पार्षद जिन्होंने आरोप लगाया है कि महेंद्र भांगरे ने उन्हें चप्पलों से पीटा तो फिर उन्होंने समझौता कैसे कर लिया। सूत्र बताते हैं कि इस पूरे मामले मे रामकुमारी बरमैया सत्ता पक्ष की पार्षद होने का पूरा फायदा उठाया और जब महेंद्र भांगरे से उनका विवाद हुआ तो वह पहले ही भाजपा नेताओं के साथ थाने पहुंच गयी और एफआईआर दर्ज कराया लेकिन जब यह पूरा मामला तूल पकडऩे लगा तो उन्होंने समझौता करना ही ठीक समझा और चंद घंटे के भीतर ही समझौता कर लिया।