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कॉलेज में विरोध प्रदर्शन के दौरान एनएसयूआई के मुठ्ठी भर कार्यकर्ता नही जुटा पाए धनंजय

सिवनी महाकौशल। रेत चोरी के मामले में आरोपी धनंजय संध्या को जिला कांग्रेस के प्रभारी गंभीर सिंह चौधरी की अनुशंसा से एनएसयूआई का जिला अध्यक्ष तो बना दिया गया लेकिन धनंजय एनएसयूआई के बैनर तले हुए आंदोलन में मु_ी भर कार्यकर्ता भी एकत्रित नहीं कर पाए जो यह बताने के लिए काफी है कि गंभीर सिंह चौधरी ने सिवनी जिले की राजनीति को गंभीरता से लेने के बजाय अपनी पसंद और नापसंद के लोगों को थोपना  शुरू कर दिया है। गत दिवस सिवनी मुख्यालय के डिग्री कॉलेज में छात्रों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए एनएसयूआई के बैनर तले एक ज्ञापन सौंपने का कार्यक्रम रखा गया था। कार्यक्रम में धनंजय के अलावा लगभग एक दर्जन युवा ही दिखाई दे रहे थे जिसमें धनंजय स्वयं ही नारेबाजी कर रहे थे। धनंजय के साथ लगभग एक दर्जन युवकों को देखकर वहां मौजूद अन्य विद्यार्थी भी यही चर्चा करते रहे कि सिवनी में जितनी बदतर स्थिति वर्तमान में एनएसयूआई की हो गई है उतनी बदतर स्थिति पूर्व में कभी नहीं रही। पूर्व के अध्यक्ष छोटे से छोटे कार्यक्रम में भी इतने लोग तो एकत्रित कर ही लेते थे जिससे पार्टी की लाज बच जाती थी लेकिन वर्तमान के जिलाध्यक्ष धनंजय जिन्होंने अध्यक्ष बनने के बाद कमलनाथ से मुलाकात करते हुए उन्हें आश्वस्त कराया था कि वह सिवनी में इतनी मजबूत एनएसयूआई बनाएंगे जितनी पहले कभी नहीं रही उसकी पोल खुल गई है। कमलनाथ को सिवनी जिले के प्रभारी गंभीर सिंह चौधरी और जिला कांग्रेस के अध्यक्ष राजकुमार खुराना से यह अवश्य पूछना चाहिए कि उनके पास कोई दूसरा युवा चेहरा नहीं था जो उन्होंने रेत चोरी के आरोपी धनंजय के ऊपर दांव लगाया जिसके नेतृत्व में पहला आंदोलन ही फ्लॉप हो गया तो फिर वह भविष्य में क्या करेगा।