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दलसागर के टापू की नैसर्गिक सुंदरता एवं स्वरूप ,मुनमुन राय की अदूरदर्शिता एवं भ्रष्टाचार युक्त हठधर्मिता की भेंट चढ़ गया : खुराना

दलपतशाह जी की प्रतिमा स्थापित हो स्वागत  है ।दलसागर के टापू की नैसर्गिक सुंदरता एवं स्वरूप ,मुनमुन राय की अदूरदर्शिता एवं भ्रष्टाचार युक्त हठधर्मिता की भेंट चढ़ गया उक्ताश्य की विज्ञप्ति जारी करते हुए जिला कांग्रेस के अध्यक्ष राजकुमार खुराना ने कहा की उक्त कार्य  को करने से पहले इनको टापू की मज़बूती के लिये कार्य करना था और यह भी तकनीकी रूप से पता करवाना था कि हज़ारों वर्षों पूर्व बना यह टापू मूर्ति की स्थापना की प्रक्रिया को सह भी पायेगा कि नंही । श्री खुराना ने यह भी कहा की इस बात का भी ध्यान रखना था की किसी भी परिस्थिति में टापू की नैसर्गिकता एवं स्वरूप को बनाये रखने के लिये केवल मूर्ति को स्थापित करनें हेतु टापू के सुद्रढीकरण के बाद ही  बिना तालाब को ख़ाली किये तालाब में अस्थायी पंहुच मार्ग बनाकर मूर्ति को टापू पर पंहुचा कर इस अस्थायी मार्ग को हटा देना था ,जिससे टापू की नैसर्गिकता एवं स्वरूप भी बनी रहता , डऔर नौका विहार कर लोग राजा दलपत शाह जी की मूर्ति को भी निहारते साथ ही नौकायन के माध्यम से रोज़गार के नये अवसर भी सृजित होते जैसा कि हैदराबाद के हुसैन सागर में किया गया है ,किंतु मुनमुन की हठधर्मिता के चलते अब ये टापू ,टापू नंही रह जायेगा,क्योंकि इस तक पंहुच मार्ग बना दिया गया ,और कोई बड़ी बात नंही कि ये टापू अनैतिक गतिविधियों का अड्डा बन कर न रह जाए, एक ओर जंहा शहर के गंदे पानी के नालों एवं दलसागर के द़क्षिण पूर्वी तट पर संचालित सुलभ शौचालय के मल मूत्र को दलसागर में मिलनें से पूरी तरह रोकनें की कोई प्लानिंग  नंही की गयी और वंही दूसरी तरफ़  शहर के इन गंदे पानी के नालों के वैनगंगा नदी में मिलनें के पूर्व कोई जल शोधन संयंत्र स्थापित करनें की रूपरेखा बनायी गयी ,जिसके कारण हिंदू धर्मावलंबियों को वैनगंगा मे धार्मिक संस्कार करनें में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है , क्योंकि इस गंदे पानी के कारण वैनगंगा का जल अत्यधिक प्रदूषित हो रहा है ,यंहा यह उल्लेखनीय है कि मुनमुन की इसी हठधर्मिता के चलते ही लखनादौन वासियों को भी रोटा झील की बाढ़ का दंश झेलना पडां ,जंहा इनके द्वारा संचालित नगर परिषद नें बिना सोचे समझे कमीशन खोरी के चक्कर मेजल मार्ग को अवरुद्ध करते हुये चौपाटी का निर्माण कर दिया था, और अवरुद्ध हुये जलमार्ग के कारण रोटा झील का पानी पूरे लखनादौन में भर गया था  , इसीतरह सिवनी के दलसागर सौंदर्यीकरण की निविदा 8 बार बुलाने पर भी कोई निविदा डालनें इसलिए नंही आया कि निविदाकार को तालाब ख़ाली कर काम करने की सुविधा दिये जानें का उल्लेख निविदा में नंही था , किंतु केवल लखनादौन के अपनें चहेते ठेकेदार को काम दिलाने की गरज से मूर्ति लगाने की आड़ में ठेकेदार को सुविधा देनें तालाब ख़ाली करवा दिया और तकनीकी प्रावधानों की आड़ लेकर सी एस आर से 35% ऊँची दरों पर काम देकर शासन को लाखों रुपये का चूना भी लगा दिया , जबकि यह सर्वविदित है कि बहती नदी में अथवा समुद्र में भी पुल बनाने के लिए उसे रोका या ख़ाली नंही करवाया जाता अपितु अस्थायी व्यवस्था करते हुए निर्माण कर लिया जाता है ।हालाँकि कांग्रेस दलसागर के सौंदर्यीकरण के विरोध में क़तई नंही है ,लेकिन विधायक दिनेश मुनमुन राय के भ्रष्टाचार युक्त विकास का विरोध करती है और इसकी उच्च स्तरीय जाँच की माँग करती है , बेहतर ये होता कि नगरपालिका परिषद सौंदर्यीकरण की प्राथमिकता में ग़रीब और सड़क विहीन वार्डों की सड़कों का भी निर्माण कराते और गंदे पानी की निकासी के लिये भी योजना बनाते ।