दलसागर तालाब में 01 करोड़ 88 लाख की लागत से बन रहे फुटब्रिज निर्माण में एनजीटी ने लगाया स्थगन
नगर पालिका के अधिकारियों के विरूद्ध किया सख्त टिप्पणी
नेशनल ग्रीन ट्रीयूबनल भोपाल ने दलसागर तालाब में बनाये जा रहे लगभग 01 करोड़ 88 लाख की लागत से बनाये जा रहे फुट ओवर ब्रिज के निर्माण को गंभीरता से लेते हुए नगर पालिका के अधिकारियों के विरूद्ध सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि यह आश्चर्य की बात है जिन अधिकारियों को कानून के शासन को बनाये रखने की जिम्मेदारी दी गई है वह अप्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नियमों का उल्लंघन कर रहे है और नोटिफिकेशन का उल्लंघन कर रहे है। असल में सिवनी नगर पालिका परिषद के द्वारा 01 करोड़ 56 लाख 73 हजार की लागत से फुट ब्रिज निर्माण का टेंडर निकाला गया था जिसे लखनादौन के ठेकेदार राहुल जैन को 36 प्रतिशत अधिक की दर से लगभग 1 करोड़ 88 लाख में ठेका स्वीकृत करते हुए 12 मई 2023 को कार्यादेश जारी किया गया नगर पालिका परिषद ने यह भी ध्यान नही रखा कि उक्त निर्माण कार्य में एनजीटी के नियमों का पालन हो रहा है या नही।
पिछले लगभग 8 महीने से नगर पालिका द्वारा दल सागर तालाब में फुटओवर ब्रिज का निर्माण कराया जा रहा है, निर्माण के दौरान ठेकेदार द्वारा दल सागर तालाब की आर्द्र भूमि पर सडक़ निर्माण किया गया एवं स्थाई निर्माण कराया जा रहा है, साथ में कई पेड़ काटे गए हैं। जो दलसागर को अपूरणीय पर्यावरणीय क्षति पहुंचा रहे हैं। भूमिगत जल स्रोत के रूप में दलसागर भूमिगत जल के संग्रहण में एक अहम भूमिका निभाता है जिससे शहर का अधिकाश भाग लाभान्वित होता है। फुट ओवर ब्रिज निर्माण के लिए नगर पालिका द्वारा बेतरतीब तरीके से पूरा का पूरा दलसागर तालाब सुखा दिया गया। टापू में निर्माण के लिए बड़ी-बड़ी मशीनों का उपयोग किया गया जिससे टापू जैसी छोटी मिट्टी की इकाई को काफी क्षति पहुंची है। इन सभी को दृष्टिगत रखते हुए अधिवक्ता नवेंदु मिश्रा द्वारा नगर पालिका के विरुद्ध एनजीटी में एक याचिका दायर किया था जिसमें उन्होने फुटओवर ब्रिज निर्माण को आर्द्र भूमि नियम 2017 का उल्लंघन बताया था। याचिका में यह भी बताया गया है की दल सागर 2019 से आर्द्र भूमि के रूप में राज्य आर्द्र भूमि अधिकरण में 1202 नंबर पर रजिस्टर्ड है। जिसके अंतर्गत यह आर्द्र भूमि नियम 2017 के अंतर्गत आता है। जिसके बाद एनजीटी ने 20 अक्टूबर 2023 एक टीम का गठन करते हुए 06 सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था बताया जाता है कि जांच टीम ने दलसागार तालाब में चल रहे निर्माण कार्यो का निरीक्षण किया और रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए अवगत कराया कि दलसागर झील एक मानव निर्मित झील है जिसका क्षेत्रफल 18 हेक्टेयर है साथ ही यह भी बताया कि उक्त द्वीप को मुख्य शहर से जोडऩे और आगंतुकों की सुविधा के लिए गौंड राजा दलपत शाह की एक मूर्ति स्थापित करने की योजना नगर पालिका परिषद सिवनी ने बनाई जिसमें एक ओवरब्रिज का निर्माण कार्य चल रहा है जांच के दौरान कुल आद्र भूमि क्षेत्र का लगभग 30 प्रतिशत भाग पानी से भरा पाया गया साथ ही द्वीप पर स्थापित की जाने वाली प्रतिमा के निर्माण के लिए एक सीमेंट कांक्रीट बेश तैयार पाया गया बताया जाता है कि टीम ने पाया कि उक्त निर्माण कार्य में पर्यावरणीय नियमों का गंभीर उल्लंघन करते हुए पंपों, नालों/ड्रेनिज सिस्टम को वेटलेण्ड की ओर मोड दिया गया जिससे पानी की गुणवत्ता दूषित हो रही है जिसके बाद माननीय श्रीमान न्यायमूर्ति शिवकुमार सिंह, न्यायिक सदस्य माननीय डॉ. ए. सेंथिल वेल ने स्थगत आदेश जारी कर दिया जिसके बाद अब सिवनी नगर पालिका परिषद में ओवरब्रिज निर्माण कार्य खटाई में पड़ गया वही इस निर्माण कार्य के बाद सिवनी नगर पालिका परिषद के सीएमओ रामकुमार कर्वेती एवं तकनीकि अधिकारियों की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई।