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डॉ. राजेश श्रीवास्तव के संरक्षण में चमचमा गया जठार अस्पताल

सिवनी महाकौशल। सिवनी जिले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर डॉ जयपाल सिंह ठाकुर ने पदभार ग्रहण कर लिया और उन्होंने अपना काम शुरू भी कर दिया। वैसे सीएमएचओ डॉ. जयपाल सिंह ठाकुर को पूर्व सीएमएचओ डॉ राजेश श्रीवास्तव के कार्यकाल की समीक्षा अवश्य करना चाहिए ताकि उन्हें पता चल सके कि डॉ राजेश श्रीवास्तव के रहते कौन-कौन से काम नियम विरुद्ध हुए हैं। बताया जाता है कि डॉक्टर राजेश श्रीवास्तव के सीएमएचओ होने का फायदा सबसे ज्यादा जठार अस्पताल के संचालक डॉ सौरभ  जठार ने उठाया है । डॉक्टर राजेश श्रीवास्तव के रहते सौरभ जठार का अस्पताल चमचमा गया है और कई अनुमति नहीं होने के बावजूद अस्पताल बिना किसी परेशानी के संचालित हो रहा है। सबसे पहले सीएमएचओ डॉक्टर जयपाल को जठार अस्पताल की उस फाइल की जांच करना चाहिए जिसमे अस्पताल में कई कमियां पाई गई थी।
याद दिला दें कि वर्ष 2022 में जबलपुर के न्यू लाईफ हास्पिटल में आगजनी की घटना हुई थी जिसमें कुछ लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में जबलपुर के सीएमएचओ डॉ. रत्नेश कुररिया को निलंबित कर दिया था। घटना के बाद पूरे प्रदेश भर के प्रायवेट अस्पतालो की जांच करने के आदेश भी जारी हुए थे जिसमें सिवनी के जिला अस्पतालो की जांच करने के लिए 05 सदस्यीय टीम का गठन किया गया था जिसमें जिला स्वास्थ्य अधिकारी, अस्पताल में पदस्थ खरे बाबू, नगर पालिका में पदस्थ एसके राहंगडाले, विद्युत विभाग में पदस्थ एसके गठोरिया सहित तहसीलदार शामिल किये गये थे। बताया जाता है कि उक्त टीम को यह देखना था कि सिवनी जिले में संचालित प्रायवेट अस्पतालो के पास फायर एनओसी, लिफ्ट ऑडिट, विद्युत ऑडिट नगर पालिका की एनओसी, फुट सेफ्टी ऑडिट, क्षय संबंधित लायसेंस, पीसीपीएनडीटी एमटीपी ब्लड बैंक एवं फायर ऑडिट है अथवा नहीं।
बताया जाता है कि जांच टीम ने सिवनी जिले के लगभग सभी अस्पतालो की जांच किया जिसमें डॉ. राजेश श्रीवास्तव के संरक्षण में संचालित होने वाले जठार अस्पताल में फायर एनओसी नहीं पाई गई थी। इसके अलावा और भी कई कमियां पाई गई थी। बावजूद इसके डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने जठार अस्पताल का पंजीयन निरस्त नहीं किया बल्कि डॉ. राजेश श्रीवास्तव के रहते जठार अस्पताल में जिला कांग्रेस के अध्यक्ष राजकुमार खुराना की सीमेंट दुकान के ठीक बाजू में एक आलीशान अस्पताल का निर्माण कर लिया। सूत्र बताते हैं कि यदि सीएमएचओ डॉ. जयपाल सिंह ठाकुर उक्त अस्पताल की जांच कराये तो पता चल जायेगा कि अस्पताल संचालन के लिए विधिवत अनुमति है या नहीं और उनके पास विधिवत दस्तावेज है या नहीं? क्योंकि डॉ. राजेश श्रीवास्तव और डॉ. सौरभ जठार की जुगलबंदी के चलते उक्त अस्पताल में कई अनुमतियां नहीं थी बावजूद इसके अस्पताल धड़ल्ले से संचालित होते रहा।