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डॉ.तुषारकांत की पैरवी करने वाले अखिलेश राय के पिता और भाई फर्जीवाड़ा में जा चुके है जेल


सिवनी जिले में जगह-जगह भू-माफियाओं का मकडज़ाल फैला हुआ है। भू-माफियाओं की नजर शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्र की जमीनों में भी रहती है। आश्चर्य इस बात का है कि कई ऐसे भू-माफिया है जो फर्जीवाड़ा करने में अपने परिवार की इज्जत को भी दांव में लगा देते है। इन दिनों धनौरा में विवादित डॉ. तुषारकांत विश्वास की पैरवी करने वाले धनौरा के अखिलेश राय चर्चाओं में है। सूत्र बताते है कि अखिलेश राय और क्षेत्र के विवादित डॉ. तुषारकांत के बेहद ही मधुर संबंध है मधुर संबंध के पीछे कोई व्यवसायिक कारण है या कुछ और कारण यह तो जांच का विषय है लेकिन हम बता दें कि अखिलेश राय का परिवार धनौरा क्षेत्र की विवादित जमीन खरीदने के मामले में सुर्खियां बटोरते रहा है और कूट रचित दस्तावेज बनाकर बेशकीमती जमीन में कब्जा करने का हर संभव प्रयास करता है। बताया जाता है कि मई 2024 को अखिलेश राय के पिता शिव प्रसाद राय एवं उनके भाई सतीश राय के विरूद्ध पुलिस ने धारा 419, 420, 466, 467, 468, 471, 120 बी के तहत मामला पंजीबद्ध किया था जिसके बाद अखिलेश राय के पिता शिवप्रसाद पिता दीपचंद राय एवं भाई सतीश पिता शिवप्रसाद राय लंबे समय तक फरार रहे थे। बाद में उन्हें जेल की हवा खाना पड़ा था। 

तामसिंह बिसेन ने दर्ज कराई थी रिपोर्ट-----उल्लेखनीय है कि मई 2023 को बरेली निवासी निवासी तामसिंह पिता पूरन सिंह बिसेन उम्र 67 साल ने धनौरा पुलिस को आवेदन देते हुए बताया कि धनौरा निवासी शिव प्रसाद पिता दीपचंद राय उम्र 68 साल ने अपने पुत्र सतीश पिता शिव प्रसाद राय 48 साल के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश के कुछ लोगों को साथ में लेकर फर्जीवाड़ा करते हुए कूटरचित दस्तावेज बनाया और उनकी जमीन की रजिस्ट्री करते हुए उसमें कब्जा करने का प्रयास किया। प्राप्त जानकारी के अनुसार तानसिंह पिता पूरन सिंह बिसेन की ग्राम बरेला में खसरा नंबर 296 ,313 रकबा क्रमश 2.75 ,4.43 तथा ग्राम बरेली के लेखसिंह डेहरिया निवासी घटेरी की भूमि खसरा नंबर 318 रकबा  1.14 हेक्टे कुल रकबा 08.30 हेक्टे है जिसमे कई वर्षों से वह भूमिस्वामी एव आधिपत्यधारी है जिसमें नामांतरण के लिए पिता-पुत्र ने  एक मुख्तारनामा तैयार कर भोपाल में रजिस्ट्री कराया था जिसका पता उन्होंने 208 राजहंस होटल आईएसबीटी भोपाल लिखाया था जिसके बाद धनौरा पुलिस ने पिता पुत्र के विरूद्ध गंभीर धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध किया था जिसके बाद पिता पुत्र कई महीनों तक फरार रहे और बाद में फिर उनकी गिरफ्तारी हुई थी।