घंसौर में भी विवादित रहे हैं सहायक यंत्री राहुल रोकड़े
केवलारी विधानसभा क्षेत्र में कुछ ऐसे विवादित और चर्चित अधिकारी रहे हैं जो अपने आपको मौजूदा विधायक राकेश पाल सिंह का करीबी बताते थे जिनके आचरण के कारण कई लोग अधिकारियों से नाराज थे और यही नाराजगी वोट के माध्यम से निकल गई जिसके चलते केवलारी विधानसभा क्षेत्र से राकेश पाल सिंह लगभग 33000 से अधिक वोटो से हार गए। केवलारी विधानसभा में जो अधिकारी अपने आपको राकेश पाल सिंह का करीबी बताते थे उनमें छपारा जनपद में पदस्थ सहायक यंत्री राहुल रोकड़े और केवलारी जनपद में पदस्थ श्याम सुंदर परिहार रहे है। बताया जाता है की उक्त दोनों ही अधिकारी लंबे समय से सिवनी जिले में पदस्थ है और अपनी पदस्थापना के दौरान उन्होंने कई कीर्तिमान स्थापित किए है जिसकी जांच हो जाये तो दोनो की परेशानी बढ़ जाएगी।
घंसौर में भी चर्चित रहे राहुल रोकड़े
छपारा जनपद में पदस्थ राहुल रोकड़े जब घंसौर जनपद में पदस्थ थे तब भी उनके विवाद सुर्खियों में रहते थे। सूत्र बताते है की जिला पंचायत के तत्कालीन सीईओ पार्थ जैसवाल का उन्होंने विश्वास जीता था जिसके चलते उपयंत्री होने के बावजूद वह सहायक यंत्री घंसौर बन गए थे। सूत्र बताते है की घंसौर जनपद में पदस्थ उपयंत्री राहुल रोकड़े के पास क्लस्टर 44 के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों का प्रभार था। 27 अगस्त 2021 को राहुल रोकड़े को सहायक यंत्री घंसौर का प्रभार दिया गया था तब से ही उन्होंने घंसौर जनपद के अंतर्गत आने वाली पंचायतो में लापरवाही बरतना शुरू कर दिया था जिसके जमकर चर्चे हुए थे।
योगेंद्र बाबा भी नही देते थे ध्यान
राहुल रोकड़े अपने आपको सबसे सुरक्षित घंसौर जनपद में ही मानते थे। घंसौर में राहुल रोकड़े अपने आप को सबसे सुरक्षित इसलिए मानते थे क्योंकि लखनादौन के विधायक योगेंद्र बाबा कभी भी राहुल रोकड़े जैसे विवादित अधिकारियों के विरुद्ध ना तो कोई आवाज उठाते थे और ना ही विधानसभा में कोई प्रश्न लगाते थे। सूत्र बताते हैं कि जब तक राहुल रोकड़े घंसौर जनपद में पदस्थ रहे तब तक उन्होंने कांग्रेस के कई नेताओं से अपने मधुर संबंध बनाकर रखा था। चर्चा तो यह भी है कि राहुल रोकड़े के रहते कुछ कांग्रेस के नेताओं ने मटेरियल सप्लाई और ठेकेदारी प्रारंभ कर दिया था जिन्हें राहुल रोकड़े का आर्शीवाद मिला हुआ था और उनके कई ऐसे बिल भी पास कर दिये जाते थे जो विवादित हुआ करते थे।
छपारा में पदस्थापना के बाद विधायक का बताने लगे थे करीबी
प्रभारी सहायक यंत्री राहुल रोकड़े जहां-जहां भी पदस्थ रहे वहां उन्होंने कुछ राजनीतिक लोगों से मधुर संबंध बना लिए थे। जब वह छपारा जनपद में पदस्थ हुए तो राहुल रोकड़े अपने आप को केवलारी के विधायक राकेश पाल सिंह का करीबी भी बताते थे और यह दम तक भरते थे कि जब जबलपुर में कोर गुप की बैठक आयोजित की गई थी जिसमें राहुल रोकड़े के स्थानांतरण की चर्चा हुई तब केवलारी के विधायक राकेश पाल सिंह ने उनका स्थानांतरण रुकवाया था हालांकि इसमें कितनी सच्चाई है यह तो राहुल रोकड़े जाने या विधायक राकेश पाल सिंह। चूंकि अब राकेश पाल सिंह हार गए है ऐसे में राहुल रोकड़े जैसे विवादित अधिकारी अपने नए आका की तलाश अवश्य करेंगे ताकि उनके ऊपर कृपादृष्टि बनी रहे और उनके कारनामे उजागर ना हो सके।