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गिरते पानी में डामरीकरण कराने का कारनामा कर रही नगर पालिका

सिवनी महाकौशल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सिवनी आ रहे हैं तो थोड़ा नगर पालिका परिषद के होनहार अधिकारियों की तरफ भी ध्यान अवश्य दे देते ताकि उन्हें पता चल जाता कि उनके शासन में किस तरह के तकनीकी अधिकारी सिवनी नगर पालिका परिषद में मौज कर रहे हैं। 19 जुलाई को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का सिवनी आगमन प्रस्तावित है उनके आगमन को देखते हुए सिवनी नगर पालिका परिषद में पदस्थ होनहार इंजीनियरो के द्वारा गिरते पानी में डामरीकरण का काम कराया जा रहा था जो यह बताने के लिए काफी है कि सिवनी नगर पालिका परिषद डामरीकरण के नाम से पानी में पैसे बहाने की तैयारी कर चुकी है। असल में बस स्टैण्ड में पुलिया के निर्माण का कार्य चल रहा है जिसके चलते एक तरफ की सडक़ चालू है जो जर्जर स्थिति में पहुंच गई है। गिरते पानी में लोगों को उक्त जर्जर सडक़ से होकर आना जाना पड़ रहा था जिसकी तरफ सिवनी नगर पालिका परिषद के होनहार अधिकारियों ने ध्यान दिया ही नहीं लेकिन जैसे ही 19 जूुलाई को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आगमन का प्रस्तावित कार्यक्रम बना वैसे ही सिवनी नगर पालिका परिषद के तकनीकी अधिकारियों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाना शुरू कर दिया और गिरते पानी में डामरीकरण कराने लगे जबकि जानकार बताते हैं कि डामर और पानी का मेल हो ही नहीं सकता, गीली जगह में भी डामरीकरण नहीं होता लेकिन सिवनी नगर पालिका परिषद ने यह सोचकर डामरीकरण कर दिया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के आने और जाने तक सडक़ टिक जाये और उसके बाद सडक़ बह भी जाती है तो इससे उन्हे कोई लेना देना नहीं। कुल मिलाकर शिवराज सिंह चौहान के आगमन के दौरान सिवनी नगर पालिका परिषद पानी में पैसा बहाने की तैयारी कर रही है।
जो पानी में डामरीकरण कर सकते हैं वह कैसे बनायेंगे ब्रिज
सिवनी में भी अजब-गजब खेल होते हैं। सिवनी नगर पालिका परिषद को ब्रिज बनाने का अनुभव नहीं है बावजूद इसके 1 करोड़ 56 लाख की लागत से लखनादौन के विवादित और चर्चित ठेकेदार राहुल जैन को लगभग 36 प्रतिशत अधिक की दर पर ठेका दे दिया गया। प्रश्र यह उठता है कि जब सिवनी नगर पालिका परिषद के तकनीकी अधिकारी गिरते पानी में डामरीकरण कराने का कारनामा कर सकते हैं तो फिर वह दलसागर में बनाये जा रहे ब्रिज में क्या क्या कारनामा कर सकते हैं, अंदाजा लगाया जा सकता है। सूत्रों की माने तो राहुल जैन और सिवनी नगर पालिका परिषद के अधिकारियों के बीच बेहतर तालमेल है और इसी तालमेल का फायदा ठेकेदार और नगर पालिका दोनो ही उठा रहे हैं। बताया जाता है कि ब्रिज का निर्माण करने वाले राहुल जैन के पास भी कोई ऐसा तकनीकी अमला नहीं है जिसे ब्रिज बनाने का अनुभव हो। सूत्र बताते हैं कि ठेकेदार राहुल जैन जिस व्यक्ति को इंजीनियर बताकर लोगो के सामने दिखावा कर रहा है असल में वह एक लैब टेक्रिशियन है लेकिन उसे उपयंत्री बताया जाता है।