जब शफीक खान पार्षद थे तब एसटी-एससी, ओबीसी के लिए आरक्षित दुकानों के कैसे हो गए नामांतरण
19 जुलाई को कांग्रेस शासित नगर पालिका परिषद ने साधारण सम्मिलन की बैठक आयोजित किया था जिसमें लगभग 09 प्रस्ताव लाए गए और सभी प्रस्ताव पास भी हो गए। बैठक में जो प्रस्ताव पास हुए उनमें सबसे ज्यादा चर्चा प्रस्ताव क्रमांक 03 नगर पालिका स्वामित्य की दुकान, भवन, कोठा नगर पालिका की बिना अनुमति के निर्माण करने वाले लीज धारकों पर कार्यवाही बावत् विचार एवं निर्णय । व प्रस्ताव क्रमांक 04 आरक्षित वर्ग की दुकान अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला, पिछड़ा वर्ग, कोटे की नगर पालिका स्वामित्व की दुकानों पर सामान्य वर्ग के नामांतरण की शिकायत मिलने पर कार्यवाही बावत् विचार एवं निर्णय जैसे प्रस्ताव भी शामिल थे। जो लगभग 15-16 पूर्व की परिषदों के द्वारा पास किया गया था। कांग्रेस की नगर सरकार बनने के लगभग दो साल बाद यह प्रस्ताव क्यों लाया गया और इन प्रस्तावों को पास कराने एड़ी चोटी का जोर क्यों लगाया यह एक बड़ा सवाल है जिसकी तरफ किसी का ध्यान नहीं जा रहा। असल में व्यापारियों ने कांग्रेस की नगर सरकार बनने के बाद पक्के निर्माण कार्य किए है ऐसा बिल्कुल नहीं है। कई वर्षो से व्यापारी नगर पालिका की विभिन्न दुकानों में काबिज है और निर्माण कार्य करते रहे है। वर्तमान में सिवनी नगर पालिका अध्यक्ष शफीक खान है जो पिछले 30 सालो से पार्षद रहे है। बताया जाता है कि शफीक खान 1994 से लेकर वर्तमान तक पार्षद है जो कांग्रेस पार्षदों के सहयोग से अध्यक्ष बने बैठे है। शफीक खान को बताना चाहिए कि वह पिछले 30 वर्षों से पार्षद है तब भाजपा की नगर सरकार के रहते लीज धारको ने नगर पालिका स्वामित्य की दुकान, भवन, कोठा नगर पालिका की बिना अनुमति के कैसे निर्माण कर लिया और विपक्ष के पार्षद रहते उन्होंने आपत्ति दर्ज क्यों नहीं कराई। प्रस्ताव क्रमांक 04 को लेकर भी नगर पालिका अध्यक्ष शफीक खान को यह स्पष्ट करना चाहिए कि 30 सालो से वह नगर पालिका परिषद में पार्षद है और उनके जैसे अनुभवी पार्षद के रहते आरक्षित वर्ग की दुकान अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला, पिछड़ा वर्ग, कोटे की नगर पालिका स्वामित्व की दुकानों पर सामान्य वर्ग के नामांतरण कैसे हो गई। उन्होंने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए कोई आपत्ति क्यों नहीं लगाई। वर्तमान में नगर पालिका परिषद में कांग्रेस की नगर सरकार है ऐसे में शफीक खान को पुराने प्रस्ताव को उजगार करना चाहिए जिसमे आरक्षित दुकानों को सामान्य वर्ग के लोगो को दिए जाने नामांतरण करने का प्रस्ताव लाया गया यदि नगर पालिका अध्यक्ष शफीक खान वर्तमान में सक्षम है जो उन आदेशों को उजागर कराए जिस आदेश को तत्कालीन अधिकारियों ने जारी कराते हुए आरक्षित दुकानों को अनारक्षित वर्ग के लोगों के नाम नामांतरण कर दिया।
अधिकारियों के विरुद्ध क्यों नहीं कराई जा रही एफ आई आर दर्ज-----------सिवनी नगर पालिका परिषद की कई ऐसी दुकाने हैं जो एस टी ,एससी एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के नाम से आरक्षित थी जिन्हें सामान्य वर्ग के लोगों को दे दिया गया और बाकायदा नामांतरण भी कर दिया गया। कांग्रेस की नगर सरकार को चाहिए कि पहले ऐसे अधिकारियों को चिन्हित करें जिन्होंने आरक्षित वर्ग की दुकानों को अनारक्षित वर्ग के लोगों को आवंटित करते हुए नामांतरण कर दिया। प्रश्न यह उठता है कि उन अधिकारियों को किसने यह अधिकार दिया था कि वह आरक्षित वर्ग के लोगों की दुकानों को अनारक्षित वर्ग के लोगों को आवंटित करते हुए नामांतरण करें और यदि उन्होंने नामांतरण किया है तो सबसे पहले सिवनी नगर पालिका परिषद को ऐसे अधिकारियों को चिन्हित करते हुए उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज करना चाहिए जिनके रहते इतना बड़ा कांड हुआ है लेकिन कांग्रेस शासित नगर पालिका ऐेसे अधिकारियों के ऊपर कार्यवाही करने के लिए न तो प्रस्ताव ला रही है और न ही कोई कार्यवाही कर रही है।