जब कमलनाथ और राहुल गांधी सर्वे करा रहे तो फिर रायशुमारी का अर्थ क्या ?
सिवनी महाकौशल। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पर्यवेक्षक कुलदीप सिंह राठौर का 6 अगस्त को सिवनी आगमन हो रहा है जो कांग्रेस कार्यालय में सुबह 10.00 से कांग्रेस प्रत्याशी चयन की रायशुमारी करेंगे। इस दौरान वह मंडलम, सेक्टर, बूथ एवं कांग्रेस के सभी पदाधिकारियों से मुलाकात भी करेंगे। कुलदीप सिंह राठौर के द्वारा रायशुमारी करना एक रस्म अदायगी ही होगी क्योंकि इससे पहले भी जब जब विधानसभा चुनाव आए हैं तब तब कोई ना कोई पर्यवेक्षक बनकर आता था और रायशुमारी कर चले जाता था लेकिन टिकट रायशुमारी में जिनके नाम सामने आते थे उन्हें टिकट ना देकर उच्च पदों पर बैठे नेता अपने करीबियों को टिकिट देते रहे जिसके कारण 1990 के बाद से सिवनी विधानसभा में कांग्रेस की हार होते रही।
प्रदेश में कांग्रेस अपनी सरकार बनाना चाहती है जिसके लिए कमलनाथ पिछले कुछ महीनों से प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में सर्वे करा रहे है। वही दूसरी तरफ राहुल गांधी ने कर्नाटक जीत के बाद इस फार्मूले पर मध्य प्रदेश में काम तेज कर दिया गया है जिसके चलते राहुल गांधी की टीम मध्य प्रदेश में दो तरह से सर्वे कर रही है। बताया जाता है कि राहुल गांधी भी प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर अलग-अलग तरीकों से सर्वे कर रही है। बताया जाता है कि उक्त सर्व 10 से 15 अगस्त तक पूरे हो जाएंगे जो टिकट वितरण का आधार बनेंगे। कमलनाथ के द्वारा कराए गए सर्वे और राहुल गांधी के द्वारा कराए गए सर्वे के जरिए यह देखा जाएगा कि उनके सर्वे में संभावित उम्मीदवारों को कितने अंक मिले हैं इसके बाद टिकट की घोषणा होगी। सवाल यह उठता है कि जब कमलनाथ और राहुल गांधी के सर्वे के आधार पर टिकट वितरण किया जाना है तो फिर रायशुमारी का औचित्य क्या। राजनैतिक मामले के जानकारों का कहना है प्रदेश में पर्यवेक्षक रायशुमारी उन लोगों के बीच कर रहे है जो किसी ना किसी नेता के समर्थक होंगे, खासकर किसी भी जिले में मंडलम ,सेक्टर और बूथ अध्यक्षों से रायशुमारी ज्यादा पारदर्शी नही होगी जिसका सबसे बड़ा कारण यह है कि किसी भी जिले में पार्टी के अध्यक्ष और प्रभारी महामंत्री की अनुशंसा से ही मंडलम, सेक्टर और बूथ अध्यक्ष बनाए जाते है ऐसे में यदि उनसे पसंद- नापसंद पूछी जाती है तो संभव है वह उन्हीं लोगो के नाम लेंगे जिन्होंने उन्हें अध्यक्ष बनाया है ऐसी परिस्थिति में रायशुमारी का कोई औचित्य नही रह जाता।
राहुल गांधी के करीबी जितेंद्र सिंह को बनाया गया है स्क्रीनिंग कमेटी का चेयरमैन
मध्य प्रदेश के चुनाव को देखते हुए स्क्रीनिंग कमेटी बनाई गई है जिसके चेयरमैन की जिम्मेदारी राहुल गांधी के करीबी जितेंद्र सिंह को सौपी गई है। चर्चा है कि राहुल गांधी जितेंद्र सिंह के माध्यम से 230 विधानसभा सीटों के सर्वे की जानकारी जुटाएंगे और उस हिसाब से टिकट का वितरण होगा। सूत्र बताते हैं कि उक्त सर्वे आम लोगों के अलावा व्यापारियों मीडिया कर्मियों सहित अन्य संगठनों के लोगों से मिलकर भी कराया जा रहा है सिवनी में भी सर्वे की कुछ टीम घूम रही है जो सिवनी के कई मीडिया कर्मियों, व्यापारियों विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों के प्रमुखों से मिल चुकी है और फीडबैक ले चुकी है, ऐसे में पर्यवेक्षकों के द्वारा रायशुमारी करना समझ से परे है ।