कही कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री लल्लू बघेल से भाजपा अध्यक्ष आलोक दुबे का अघोषित समझौता तो नही था ?
जिला पंचायत के वार्ड 01 से भाजपा ने किसी को नही बनाया था अपना समर्थित प्रत्याशी,वार्ड 15 से मुनमुन ने बचाई थी पार्टी की लाज
सिवनी महाकौशल। प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष व्हीडी शर्मा ने आलोक दुबे को जिला भाजपा के अध्यक्ष की जिम्मेदारी इसलिए सौंपी थी ताकि सिवनी जिले में भारतीय जनता पार्टी मजबूत स्थिति में पहुंच सके लेकिन आलोक दुबे के कई कांग्रेसियों से इतने मधुर संबंध रहे कि उन्होंने कांग्रेस को कई जगह वॉकओवर देने से परहेज नहीं किया। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को ही देख लिया जाए तो पता चल जाएगा कि आलोक दुबे किस तरह से नाकाम रहे हैं। असल में सिवनी जिला पंचायत अध्यक्ष का पद एससी के लिए आरक्षित था। सिवनी जिले के 19 जिला पंचायत वार्डों में वार्ड क्रमांक 01 और वार्ड क्रमांक 15 एससी वर्ग के लिए आरक्षित था। आलोक दुबे इस बात को अच्छी तरह से जानते थे कि दोनो वार्डो से जीतने वाले प्रत्याशियों में से कोई एक ही जिला पंचायत का अध्यक्ष बनेगा बावजूद इसके उन्होंने दोनो ही वार्डो से भाजपा समर्थित प्रत्याशियों की घोषणा नहीं किया था चूंकि वार्ड क्रमांक 1 से कांग्रेस ने प्रभारी महामंत्री ब्रजेश उर्फ लल्लू बघेल को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया था जिनकी पारिवारिक पृष्ठ भूमि भाजपाई है उक्त वार्ड से भाजपा ने ना तो किसी को अधिकृत रूप से अपना प्रत्याशी बनाया था और ना ही भाजपा ने अपने किसी समर्थक को जिताने में कोई प्रयास किया था सूत्र बताते हैं कि जिला भाजपा के अध्यक्ष आलोक दुबे और जिला कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री ब्रजेश उर्फ लल्लू बघेल के बीच मधुर संबंध है जिसके चलते आलोक दुबे ने भाजपा के सिद्धांतों को दरकिनार कर दिया और किसी को भी पार्टी समर्थित प्रत्याशी नहीं बनाया जिसके चलते वार्ड क्रमांक एक से कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी बृजेश उर्फ लल्लू बघेल की जीत हो गई।
मुनमुन राय ने वार्ड 15 से बचाई थी लाज
जिला भाजपा के अध्यक्ष आलोक दुबे को सिवनी के विधायक दिनेश राय मुनमुन का एहसानमंद रहना चाहिए जिन्होंने भाजपा की लाज बचा लिया था। असल में वार्ड क्रमांक 15 से भी आलोक दुबे ने किसी को भारतीय जनता पार्टी का समर्थित प्रत्याशी नहीं बनाया था। सिवनी के विधायक दिनेश राय मुनमुन ने वार्ड क्रमांक 15 की बागडोर संभाला और श्रीमती मालती डेहरिया के लिए सक्रिय हुए बताया जाता है कि चुनाव के चंद दिन पहले ही मालती डेहरिया को भारतीय जनता पार्टी ने अपना समर्थित उम्मीदवार बनाया जो सिवनी विधायक दिनेश राय मुनमुन के विशेष प्रयासों से जीत गई, यदि दिनेश राय मुनमुन वार्ड क्रमांक 15 से सक्रिय नहीं होते तो श्रीमती मालती डेहरिया का जीत पाना भी असंभव रहता। दिनेश राय मुनमुन के प्रति एहसानमंद होने के बजाए आलोक दुबे मुनमुन राय के विरोध में एकजुट होने वाले भाजपा नेताओं के साथ खड़े होते नजर आ रहे है। प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष व्हीडी शर्मा को अपने करीबी आलोक दुबे से यह अवश्य पूछना चाहिए की कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री ब्रजेश उर्फ लल्लू बघेल से उनका कोई अघोषित समझौता तो नही था और यदि अघोषित समझौता नहीं था तो फिर वार्ड क्रमांक 01 से लल्लू बघेल के विरुद्ध भाजपा ने अपने समर्थित प्रत्याशी की घोषणा क्यों नही किया। व्हीडी शर्मा को आलोक दुबे से यह भी पूछना चाहिए कि लखनादौन नगर परिषद के वार्ड क्र. 05 से चुनाव जीती मंजू साहू को हराने के लिए उन्होंने वार्ड क्र. 12 से निर्दलीय चुनाव जीती मीना बलराम गोल्हानी को प्रत्याशी क्यों बनाया था तब पता चल जायेगा कि अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए आलोक दुबे ने पार्टी के सिद्धांतो से समझौता करने में कोई कसर नहीं छोड़ा।