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कहीं ठेला पलटाया,कही सिर फोड़ा तो कही एम्बुलेंस को निकलने नही दिया जबरन बंद कराया दुकान, बेबस नजर आ रही थी पुलिस

सिवनी महाकौशल। 09 अगस्त को पूरे दुनिया में विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ के आव्हान पर 09 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आदिवासियों के द्वारा अपनी सभ्यता और रीति रिवाजों को उत्सव के रूप में मनाया जाता है। माना जाता है की आदिवासी समुदाय प्रकृति के पुजारी होते है। 09 अगस्त को पूरे विश्व में आदिवासी दिवस मनाया गया लेकिन शायद सिवनी एक ऐसा जिला था जहां कुछ लोगो ने उपद्रव फैलाते हुए विश्व आदिवासी दिवस की गरिमा को ही धूमिल कर दिया। बुधवार को विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर सिवनी में कुछ ऐसे तथाकथित लोगों ने उपद्रव मचाया जिससे व्यापारी वर्ग के अलावा आमजन भी दहशत में आ गया। बताया जाता है कि एक बड़ा तबका हाथों में लठ और कुछ हथियार लेकर बुधवारी बाजार की तरफ मुड़ा जिन्होंने जबरदस्ती दुकान बंद कराने का प्रयास किया। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो भीड़ ने डूंडासिवनी से ही दहशत मचाना शुरू कर दिया था और जैसे ही सिवनी के मुख्य बाजार में पहुंचे वैसे ही भीड़ में कुछ लोग हिंसक हो गये। बताया जाता है कि भीड़ ने  एक फुलकी का ठेला तक पलटा दिया इसके अलावा कुछ लोगों के साथ मारपीट भी किया जिसमें एक युवक का सिर फूट गया। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो उपद्रव मचाने वाले लोगो के सामने पुलिस भी बेबस नजर आ रही थी।
एंबुलेंस को भी नही दिया रास्ता
किसी भी जुलूस या रैली में जब भीड़ इकठ्ठी होती है और जब कोई एंबुलेंस आती है तो लोग मानवीयता का परिचय देते हुए एंबुलेंस को जगह दे देते हैं ताकि एम्बूलेंस में मौजूद मरीज और उनके परिजन परेशान ना हो लेकिन बुधवार को सिवनी में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर निकाली गई रैली में कुछ लोग इतने अमानवीय हो गये थे कि उन्होंने एम्बुलेंस तक को जगह नहीं दी। एंबुलेंस भी सायरन बजाते रही लेकिन किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया।
व्यापारी एक जुट होकर पहुंचे थाना
व्यापारियों की दुकानों को बंद करते हुए कुछ लोगों ने डंडा और हथियार लहराया जिससे आहत व्यापारी वर्ग सीधे कोतवाली थाना पहुंचा और अपनी बात रखा हालांकि समाचार लिखे जाने तक बुधवार को हुए घटनाक्रम की कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई थी।
कार्यक्रम स्थल पर शांतिपूर्ण हुआ कार्यक्रम
गौरतलब है कि विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर जिस जगह विश्व आदिवासी दिवस का कार्यक्रम रखा गया था उस जगह शामिल आदिवासी समुदाय के लोगों ने शांतिपूर्ण तरीके से कार्यक्रम किया था लेकिन उक्त कार्यक्रम के नाम पर सिवनी में कई ऐसे लोग आ गये थे जिन्होंने विश्व आदिवासी दिवस की गरिमा को तार-तार करते हुए आदिवासी समुदाय की छवि को भी धूमिल करने से भी परहेज नहीं किया। जिनकी पहचान उन आदिवासी संगठनो को करना चाहिए जो पूरी निष्ठा व ईमानदारी के साथ अपने समुदाय के लिए समर्पित रहते हैं।
आज व्यापारियों ने किया विरोध
बुधवार को घटी घटना से आहत बुधवारी के व्यापारी सडक़ों पर नजर आये और उन्होंने अपने अपने प्रतिष्ठान बंद रखते हुए आक्रोश जताया। व्यापारियों का कहना है कि बुधवार को जिस तरह की घटना घटी उससे पूरा व्यापारी वर्ग आहत है। आज व्यापारी भी सडक़ों पर उतरे और ज्ञापन सौंपते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह से बुधवार को विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर जबरन दुकानें बंद कराते हुए हथियार लहराये गये वह किसी साजिश का हिस्सा भी हो सकता है। व्यापारियों ने प्रशासन से सुरक्षा की मांग भी किया है।