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किसी सर्वे में सामने नहीं आ रहा प्रदीप गुड्डा का नाम

सिवनी महाकौशल। गत दिवस भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश के 39 विधानसभा सीट से प्रत्याशी की घोषणा कर दिया जिसमें बालाघाट जिले की लांजी विधानसभा सीट से पार्टी ने आम आदमी पार्टी छोडक़र भाजपा में शामिल हुए राजकुमार कर्राहे को टिकिट दिया है जिसके बाद प्रदीप जायसवाल इस जुगाड़ में लग गये है कि किसी भी तरह उन्हें भारतीय जनता पार्टी में एंट्री मिल जाये और पार्टी उनके ऊपर दांव लगा सके। हालांकि अंदरखानो से आ रही खबरों की माने तो कांग्रेस पार्टी से गद्दारी करते हुए निर्दलीय चुनाव जीतने वाले प्रदीप जायसवाल का नाम किसी भी सर्वे में ना तो कांग्रेस की तरफ से सामने आ रहा है और ना ही भारतीय जनता पार्टी की तरफ से उनका नाम लिया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि भारतीय जनता पार्टी से जिन लोगो के नाम लिये जा रहे हैं उनमें डॉ. योगेंद्र निर्मल, छगन हनवत, निरंजन बिसेन सहित राजेश पाठक का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। जबकि कांग्रेस से पूर्व नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष विवेक पटेल, गोकुलप्रसाद गौतम, रामकुमार नगपुरे सहित कुछ अन्य लोगों के नाम सामने आ रहे है। चूंकि प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने पहले ही यह संकेत दे दिया है कि उनकी पार्टी में प्रदीप जायसवाल की एंट्री नहीं हो सकती जिसके बाद प्रदीप जायसवाल भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने के प्रयास में लगे हुए है। हालांकि भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं ने भी यह संकेत दे दिया कि उनकी पार्टी में प्रदीप जायसवाल उर्फ गुड्डा जैसे नेताओं के लिए जगह नहीं है। वर्तमान में भाजपा ने 39 ऐसी विधानसभा  सीटो से टिकिट दिया है जहां भाजपा को लगता है कि मेहनत करें तो वहां पार्टी जीत सकती है। बताया जाता है कि वारासिवनी में पार्टी किसी चर्चित चेहरे को टिकिट देने की तैयारी कर रही है। सूत्र बताते हैं कि वारासिवनी में टिकिट वितरण को लेकर गौरीशंकर बिसेन की पसंद और नापसंद का भी ख्याल रखा जाएगा चूंकि वर्तमान में गौरीशंकर बिसेन ने प्रदीप जायसवाल के विरोध में मोर्चा खोला हुआ है और उन्हें हर तरह से जगह दिखाई जा रही है ऐसे में प्रदीप जायसवाल का कांग्रेस के साथ साथ भारतीय जनता पार्टी में भी रास्ता बंद होते नजर आ रहा है। यदि ऐसा होता है तो फिर प्रदीप जायसवाल के सामने राजनैतिक भविष्य को लेकर एक बड़ा प्रश्र लग सकता है।