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कुंवर लखन की नगरी के अस्तित्व की लड़ाई से मुनमुन, योगेंद्र, मीना, मालती, पार्वती ने बनाई दूरी

लखनादौन को जिला बनाने के लिए लखनादौन के नागरिकों के साथ-साथ विभिन्न संगठन के लोगों ने आज सडक़ पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया सभी ने स्वेच्छा से लखनादौन बंद रखा। इस बीच लखनादौन क्षेत्र के कुछ नेताओं का दोहरा चरित्र सामने देखने को मिला। कल तक जो लोग जिला बनाओ संगठन के साथ नजर आ रहे थे और लखनादौन को जिला बनाए जाने की पैरवी कर रहे थे उनमें से अधिकांश लोगो के भीतर आज  अपनी-अपनी पार्टी के प्रति प्रेम जाग गया। लखनादौन क्षेत्र के स्थापित भाजपा नेताओं के भीतर भारतीय जनता पार्टी के प्रति प्रेम जाग उठा और उन्होंने जन आशीर्वाद यात्रा में अपना समय देना शुरू कर दिया। बताया जाता है कि लखनादौन बनाने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे लोग जब सडक़ों पर उतरे तो उक्त विरोध प्रदर्शन के दौरान लखनादौन नगर के वह  चर्चित चेहरे नजऱ नही आए जिन्हें लखनादौन क्षेत्र के लोगों ने फर्श से उठाकर अर्श में बैठाया और उन्हें एक पहचान दिया लेकिन जब कुवर लखन की नगरी के अस्तित्व की लड़ाई का मामला सामने आया तो उन लोगों ने पीठ फेर लिया जिन्हें लखनादौन क्षेत्र के लोगों ने कामयाबी के शिखर तक पहुंचाया।
विधायक,नगर परिषद अध्यक्ष सहित दर्जनों नेता    रहे नादरत
लखनादौन क्षेत्र के लोगों के द्वारा लखनादौन को जिला बनाए जाने की मांग करते हुए जिला नहीं तो वोट नहीं का नारा दिया गया लेकिन वर्तमान में लखनादौन क्षेत्र के प्रमुख राजनीतिक पार्टी के लोग इस पूरी मुहिम से दूरी बनाए हुए नजर आ रहे हैं जो आज आम लोगों ने भी महसूस किया समाचार लिखे जाने तक लखनादौन बंद के दौरान जो धरना प्रदर्शन चल रहा था उसमें लखनादौन के विधायक योगेंद्र बाबा नजर नहीं आए। बताया जाता है कि योगेंद्र बाबा आज घंसौर क्षेत्र के दौरे मे थे। समाचार लिखे जाने तक उन्हें इतना समय नहीं तक नहीं मिला कि वह लखनादौन नगर के लोगों के बीच जाकर उक्त मुहिम का समर्थन करते। वही लखनादौन नगर की प्रथम नागरिक श्रीमती मीना बलराम गोल्हानी, उनके पुत्र आशीष गोल्हानी भी नदारद थे, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मालती डेहरिया और उनके पति मुकेश डेहरिया ,जनपद अध्यक्ष श्रीमती पार्वती उइके, जनपद के उपाध्यक्ष दीपक निगम, जनपद सदस्य सचिन पाटकर, आशीष बंटी गोल्हानी, विजय उइके जैसे दर्जनों ऐसे दर्जनो लोग नदारद थे जो भाजपा और कांग्रेस से जुड़े हुए है और जिन्होंने लखनादौन को जिला बनाये जाने के लिए आयोजित बैठक में बड़ी-बड़ी डींगे हांके थे।
दिनेश राय मुनमुन ने भी बनाई दूरी
लखनादौन को जिला बनाए जाने की मुहिम में सिवनी के विधायक दिनेश राय मुनमुन ने भी पूरी तरह से किनारा कर लिया जबकि लखनादौन नगर परिषद के अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने सिवनी में अपनी राजनीतिक जमीन तलाश करते हुए विधायक बने। दिनेश राय मुनमुन को विधायक बनाने में लखनादौन क्षेत्र के लोगों की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता लेकिन जब लखनादौन क्षेत्र के लोगों को दिनेश राय मुनमुन के समर्थन की आवश्यकता पड़ी तो उन्होंने मुहिम से ही किनारा कर लिया। दिनेश राय मुनमुन ने लखनादौन को जिला बनाए जाने की मुहिम से किनारा क्यों किया यह तो वही जाने लेकिन लोगों को उम्मीद थी कि हमेशा की तरह दिनेश राय मुनमुन आज भी लखनादौन को जिला बनाए जाने के लिए बुलाए गए बंद का समर्थन करते हुए लखनादौन में रहेंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं बल्कि वह सिवनी में उनके द्वारा आयोजित राम कथा में ही व्यस्त नजऱ आए। क्षेत्र के लोगो का कहना है की सिवनी में रामकथा का कार्यक्रम सुबह से नही बल्कि दोपहर 3 बजे से आयोजित है यदि दिनेश राय चाहते तो वह अपनी कर्मभूमि रहे लखनादौन के लिए कुछ समय तो निकाल ही लेते लेकिन समाचार लिखे जाने तक मुनमुन राय लखनादौन नही पहुंच पाए। कुल मिलाकर लखनादौन को जिला बनाये जाने की मुहिम में राजनैतिक संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों ने दूरी बना लिया।