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क्या पालिका अध्यक्ष शफीक खान की कुर्सी खतरे में है!

सिवनी जिले में इन दिनों किस्सा कुर्सी का चल रहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में अध्यक्ष की कुर्सी में बैठने के लिए लल्लू बघेल ने जी तोड़ प्रयास किया लेकिन उन्हें कुर्सी से हाथ धोना पड़ा क्योंकि उनके पास डिजीटल जाति प्रमाण पत्र नहीं था। सिवनी नगर पालिका परिषद में शफीक खान के नेतृत्व में 10 अगस्त 2022 को नगर पालिका परिषद का गठन किया गया था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गांधी वार्ड निवासी विशाल यादव ने शफीक खान से जुड़े हुए कुछ दस्तावेजो को उच्च न्यायालय में चैलेंज किया जिसमें यह बताया गया था कि शफीक खान के द्वारा जो जाति प्रमाण पत्र लगाया गया है वह फर्जी है। सूत्र यह भी बताते हैं कि विशाल यादव ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया कि शफीक खान ने चुनाव लडऩे के लिए जो शपथ पत्र पेश किया है उसमें उन्होंने अपराधिक प्रकरण से संबंधित जानकारी छुपाया है। सूत्र बताते हैं कि उच्च न्यायालय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला कलेक्टर को पत्र जारी करते हुए शफीक खान के ऊपर लगाये गये आरोपो की एक महीने के भीतर जांच करते हुए रिपोर्ट मांगा है जिसके बाद जिला कलेक्टर ने शफीक खान को नोटिस जारी किया, हालांकि इस संबंध में जिला प्रशासन की तरफ से अधिकृत पुष्टि नहीं की गई लेकिन शफीक के दस्तावेजो को लेकर जो शिकायत की गई उसे लेकर नगर पालिका परिषद में दिन भर चर्चाओ का दौर चलते रहा। सूत्रो की माने तो शफीक खान को नोटिस जारी किये जाने की जानकारी जैसे ही भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को लगी तो उनमें से कुछ नेता इस प्रयास में जुट गये कि किसी भी तरह से शफीक खान की कुर्सी हिल जाये जिसका फायदा उन्हें मिल सके। बताया जाता है कि नोटिस मिलने के बाद शफीक भी अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से कानूनी सलाह ले रहे है फिलहाल सिवनी में किस्सा कुर्सी का चल रहा है जिसमें सब अपना अपना फायदा और नुकसान देख रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि विशाल यादव ने भारतीय जनता पार्टी की टिकिट से गांधी वार्ड से चुनाव लड़ा था और शफीक कांग्रेस से चुनाव जीते थे। शफीक ने विशाल को लगभग 800 वोटो से हराया था, हार के बाद विशाल यादव ने शफीक खान से संबंधित दस्तावेज जुटाते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। देखना यह है कि इस मामले में शफीक खान को राहत मिलती है या फिर विशाल यादव की जीत होती है।