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क्या उपाध्यक्ष चुनाव में भाजपा कांग्रेस के सामने हथियार डालेगी या प्रत्याशी खड़ा करेगी------

12 फरवरी को जिला पंचायत उपाध्यक्ष के चुनाव होना है जिसके लिए कांग्रेस ने दो सदस्यीय कमेटी का गठन भी किया था जिसने कांग्रेस समर्थित सदस्यो की बैठक आयोजित किया। बताया जाता है की उक्त कमेटी रविवार को जिला कांग्रेस अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंपेगी जिसके बाद कांग्रेस का प्रत्याशी तय होगा। वही दूसरी तरफ केंद्र और राज्य में सत्ता का सुख भोग रही भाजपा पूरी तरह से मौन धारण किए हुए है जिसके बाद सवाल उठ रहा है की क्या जिला पंचायत उपाध्यक्ष के चुनाव में भाजपा कांग्रेस के सामने हथियार डाल रही है। वैसे वर्तमान में कांग्रेस के पास बहुमत है। जिला पंचायत में 19 वार्ड है जिनमे से 11 सदस्य कांग्रेस के है जबकि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के 05 और भाजपा के पास तीन सदस्य है। 2022 में हुए उपाध्यक्ष चुनाव में भाजपा ने उपाध्यक्ष पद पर गोंडवाना की श्रीमती ललिता रावेन शाह को समर्थन दिया था तब कांग्रेस समर्थित लल्लू बघेल को उपाध्यक्ष चुनाव में 14 वोट मिले थे और गोंडवाना और भाजपा के संयुक्त प्रत्याशी ललिता रावेन शाह को सिर्फ 05 वोट मिले थे। यदि वर्तमान में भाजपा अपना प्रत्याशी खड़ा नही करती है तो भाजपा बैकफुट में चले जाएगी और भाजपा के सामने कई तरह के प्रश्न चिन्ह लगने लगेंगे। चूंकि भाजपा के पास श्रीमती रीना वरकड़े,श्रीमती रजनी ठाकुर और श्रीमति मालती डेहरिया सदस्य है। जबकि वर्तमान में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी पूरी तरह से बिखरी हुई है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जिला अध्यक्ष गया प्रसाद  सहित कई नेताओं को पार्टी ने 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया ऐसे में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के पांच सदस्यों को सहज कर रखना असंभव है ।यदि भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकार आदिवासी चेहरे के रूप में श्रीमती रीना वरकड़े के ऊपर दांव लगाते है तो संभव है गोंडवाना के कुछ सदस्य साथ आ जाए। वही कांग्रेस के कुछ सदस्य भी टूट सकते है लेकिन वर्तमान में भाजपा पूरी तरह निष्क्रिय नजर आ रही है ऐसे में फिलहाल तो भाजपा के सामने सबसे बड़ा प्रश्न यही है की क्या वाकई जिला पंचायत उपाध्यक्ष चुनाव में भाजपा पूरी तरह से हथियार डाल रही है या फिर भाजपा के भीतर कुछ खिचड़ी पक रही है।             भाजपा समर्थित सदस्य वोटिंग में भाग लेंगे या नही-----यदि भारतीय जनता पार्टी अपना प्रत्याशी खड़ा नहीं करती है तो फिर संभव है कांग्रेस का निर्विरोध उपाध्यक्ष चुन लिया जाएगा । यदि सम्मिलन में भाजपा समर्थित सदस्य मौजूद रहते है और भाजपा कोई प्रत्याशी खड़ा नही करती है ऐसे में कांग्रेस का निर्विरोध अध्यक्ष चुना जाता है तो इससे पार्टी की किरकिरी होगी ऐसे में संभव है भाजपा समर्थित प्रत्याशी चुनावी प्रक्रिया के दौरान सदन से बाहर रहे। हालांकि अभी तक भाजपा ने अपने सदस्यो के लिए कोई निर्देश जारी नही किया है।