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लखनादौन अस्पताल के ओटी में किसी अनुमति से ट्यूब लगाने पहुंचा था प्रायवेट डॉक्टर संजय जैन


संजय जैन की भूमिका की क्यों नही हो रही जांच
सिवनी जिले में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं पटरी से नीचे उतर गयी है जिसकी तरफ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जयपाल सिंह ठाकुर का ध्यान नही जाता 10 जनवरी को लखनादौन के अस्पताल में गर्भवती महिला विनीता राजपूत ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया था और चंद घंटे बाद उसकी मौत हो गई थी इस मामले में मृतिका के परिजनों ने अस्पताल में पदस्थ डॉ. श्रीमति वीथी जैन और उनके पति डॉ. संजय जैन के ऊपर लापरवाही का आरोप लगाया था घटना के बाद अब तक इस मामले की जांच अस्पताल प्रबंधन नही कर पाया दूसरी तरफ प्रायवेट अस्पताल के संचालक डॉ. संजय जैन ने मृतिका के पति रानू राजपूत सहित अन्य लोगों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराकर यह प्रमाणित कर दिया कि घटना के समय वह अस्पताल के ओटी में मौजूद थे जहां गर्भवती महिला का ऑपरेशन किया गया था डॉक्टर संजय जैन ने एफआईआर दर्ज कराते हुए पुलिस को बताया था कि विनीता राजपूत को डिलीवरी के लिए शासकीय अस्पताल लखनादौन में भर्ती कराया गया था जहां उनकी पत्नी डॉक्टर वी थी जैन शासकीय डॉक्टर है जिन्होंने उन्हें फोन करके बताया था कि मरीज विनीता राजपूत को श्वास नली में डालने वाले ट्यूब की आवश्यकता है यदि आपके पास उपलब्ध हो तो उक्त ट्यूब भिजवा दीजिए या स्वयं आ जाइए । तब डॉक्टर संजय जैन ट्यूब लेकर अस्पताल पहुंचा और ऑपरेशन थिएटर में चले गया। डॉक्टर संजय जैन ने पुलिस को बताया कि उसने डॉक्टर बी एस सोलंकी के साथ मिलकर मरीज के स्वांस  नाली में ट्यूब डाला था। शाम 5 बजे महिला की मौत हो गई जिसके बाद जब वह ऑपरेशन कक्ष के सामने वाले कमरे में पहुंचा तो मृतिका का पति रानू राजपूत अपने दो-तीन अन्य लोगों के साथ एक राय होकर आया और उसे गंदी-गंदी गाली देने लगा तब डॉक्टर ने गाली देने से मना किया तो उन्होंने डॉक्टर की पिटाई कर दिया जिसके बाद पुलिस ने मृतिका के पति सहित अन्य लोगों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज किया। वैसे उक्त एफआईआर के आधार पर ही सीएमएचओ डॉ. ठाकुर को लखनादौन अस्पताल के बीएमओ से यह अवश्य पूछना चाहिए कि एक प्रायवेट डॉक्टर को सरकारी अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर में चल रहे ऑपरेशन के दौरान किसकी अनुमति से ट्यूब लगाने भेजा गया क्या सिविल अस्पताल में ऑपरेशन के समय लगने वाली सामग्री नही रहती क्या डॉ. वीथी जैन ने अस्पताल प्रबंधन को यह बताया कि उन्हें एंडोट्रेकियल ट्यूब (श्वास नली में डालने वाली ट्यूब की आवश्यकता है), क्या डॉ. श्रीमति वीथी जैन ने अपने पति को एंडोट्रेकियल ट्यूब लाने की अनुमति लिया था और यदि ऐसा नही है तो फिर मृतिका के परिजन जब डॉ. वीथी जैन और उनके पति के ऊपर लापरवाही का आरोप लगा रहे है तो इसकी जांच करने से स्वास्थ विभाग के आला अधिकारी क्यों परहेज कर रहे है।