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मंडला जिले में जबरन वसूली करने वाले चार पत्रकारो के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज------


 कहने को तो पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है लेकिन इन दिनों कुछ लोग फर्जी पत्रकार बनकर इस चौथे स्तंभ की नीव को ही खोखला करने में लगे हुए है। प्रदेश के कई ऐसे जिले है जहां फर्जी पत्रकारों की बाढ़ सी आई हुई है जो अवैध वसूली करने में जुटे हुए है। बताया जाता है कि मंडला जिले के  बुआ बिछिया क्षेत्र में भी ऐसे ही चार फर्जी पत्रकारों को अवैध वसूली के मामले में आरोपी बनाया गया है जो पत्रकारिता की आड़ में एक शिक्षिका को परेशान कर रहे थे। 

    यह था मामला----------प्राप्त जानकारी के अनुसार बुआ बिछिया ब्लाक के ओरई सरकारी स्कूल में वैजन्ती मरकाम शासकीय स्कूल में शिक्षिका है। बताया जाता है कि मंडला क्षेत्र के  लखन भांडे, पूजा, ज्योतिषी, विजय साहू, दीपक जाट अपने आपको पत्रकार बताते हुए वैजन्ती मरकाम को यह बोलते हुए धमकाते थे कि आपके तीन  बच्चे है नियम के तहत आपकी नौकरी चली जायेगी। फर्जी पत्रकार यह भी कहते थे कि आपके स्कूल में मध्यान्ह भोजन की भी क्वालिटी अच्छी नहीं है हम ऊपर शिकायत करेंगे । बताया जाता है कि उक्त फर्जी पत्रकारों ने महिला शिक्षिका को इतना धमकाया की परेशान होकर महिला ने विजय साहू नामक फर्जी पत्रकार के  खाते में 10 हजार रुपिया डलवा दिया । बताया जाता है कि पीडि़त शिक्षिका की पुत्री  पुलिस लाइन में अपने पति के साथ रहती है। पीडि़त महिला का दामाद मंडला पुलिस थाने में पदस्थ है। जब दामाद को इस बात की जानकारी मिली तो उसने अपनी सास को थाने में शिकायत करने के लिए कहा जिसके बाद पीडि़त महिला   बुआ बिछिया थाना पहुंची जहां पुलिस ने आरोपी फर्जी पत्रकार लखन भांडे,पूजा,ज्योतिषी,विजय साहू,दीपक जाट के विरुद्ध  अपराध क्रमांक 264/24 भारतीय न्याय सहिता धारा 308 (2),351(2)3(5) ड्ढठ्ठह्य  3(2)1ड्ड ह्यष् ह्यह्ल ड्डष्ह्ल के मामला पंजीबद्ध किया। 

                                   सिवनी जिले में भी है फर्जी पत्रकारों की बाढ़ --------

 सिवनी जिले में भी फर्जी पत्रकारों की बाढ़ सी आई हुई है। जब भी धान खरीदी गेहूं खरीदी शुरू होती है तो फर्जी पत्रकारों की गैंग तैयार हो जाती है। जब खरीदी बंद रहती है तो इन फर्जी पत्रकारों के लिए सोसाइटी, ग्राम पंचायती उगाही का अड्डा बन जाते है। चूंकि फर्जी पत्रकारों का कोई स्टेंडर्ड नहीं होता तो यह सौ रुपिया से लेकर एक हजार तक ले लेते है। हालांकि कई बार ऐसे फर्जी पत्रकारों की पिटाई के मामले भी सामने आ चुके है। कुछ फर्जी पत्रकार ग्राम पंचायतों में पिटते है तो कई सरेराह बाजार में पिट जाता है तो किसी को खरीदी केंद्र में बेइज्जत होना पड़ता है बावजूद इसके वह बेशर्म की तरह फिर से दूसरे अड्डे ढूंढने लगते है।