नगर पालिका अध्यक्ष शफीक खान के ऊपर लगे आरोपो के दस्तावेज नहीं दिखा पाया विशाल यादव का पक्ष
08 सितंबर को होगी अगली सुनवाई
सिवनी महाकौशल। सिवनी नगर पालिका परिषद में 18 सालों के बाद कांग्रेस की नगर सरकार बनी जिसे गिराने के लिए भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेता सक्रिय नजर आने लगे हैं जिन्होंने गांधी वार्ड से पार्षद का चुनाव हारे विशाल यादव की आड़ में राजनीति प्रारंभ कर दिया है। बताया जाता है कि 01 साल तक विशाल यादव मौन रहे लेकिन बाद में उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दायर करते हुए शफीक खान के चुनाव को शून्य किए जाने की गुहार लगाते हुए माननीय उच्च न्यायालय को अवगत कराया था कि शफीक खान ने पार्षद का चुनाव लड़ते समय अपनी कई महत्वपूर्ण जानकारी छुपाया।
इस मामले में जस्टिस संजय द्विवेदी ने जिला कलेक्टर को 30 दिवस के भीतर पक्षकारो की सुनवाई करते हुए अभ्यावेदन देने को कहा था। उच्च न्यायलय के आदेश के बाद कलेक्टर न्यायालय में सुनवाई प्रारंभ हुई। 29 अगस्त को सुनवाई के बाद भाजपा नेताओं को उम्मीद थी कि 01 सितंबर को शफीक खान के विरुद्ध कोई निर्णय हो सकता है। 01 सितंबर को जब कलेक्टर न्यायालय में सुनवाई प्रारंभ हुई तो विशाल यादव के पक्ष के लोग शफीक खान के ऊपर लगाए गए आरोपों का पुख्ता प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर पाए। बताया जाता है की शफीक खान से लगभग 800 वोटों से चुनाव हारे विशाल यादव की तरफ से प्रमुख रूप से तीन आरोप लगाए गए है। पहला उनका कहना है की शफीक खान के पास पिछड़ावर्ग का जो जाति प्रमाण पत्र है वह कूटराचित है इस मामले में शफीक खान की तरफ से अपना पक्ष रखने वाले अधिवक्ताओं ने कहा की शफीक खान को जाति प्रमाण पत्र सक्षम अधिकारी ने दिया है जो हर पहलुओ का ध्यान रखते हैं। बताया जाता है कि भाजपा के नेता विशाल यादव का पक्ष यह नहीं बता पाया कि किस तरह शफीक खान का जाति प्रमाणपत्र कूट रचित है। जानकारी मिली है कि इस मामले की जांच के लिए कलेक्टर ने सक्षम अधिकारी को निर्देश दिए है।
वैसे जानकर बताते है की यदि जाति प्रमाणपत्र का मुद्दा उठाया जाता है तो उक्त जाति प्रमाणपत्र की जांच राज्य छानबीन समिति के द्वारा की जाती है ना कि जिला स्तर से कोई जांच की जाती है। विशाल यादव के पक्ष का यह भी आरोप था की शफीक खान ने अपराधिक रिकॉर्ड छुपाया है लेकिन वह कलेक्टर न्यायालय में ऐसा कोई दस्तावेज जमा नहीं करा पाए जिससे यह प्रमाणित होता हो की वर्तमान में शफीक खान के विरुद्ध कोई मामला विचाराधीन हो। शफीक खान के पक्ष के अधिवक्ताओं का कहना है कि यदि शफीक खान के विरुद्ध कोई प्रकरण कोर्ट में विचाराधीन है तो संबंधित पक्ष को हलफनामा के साथ यह बताना चाहिए कि वर्तमान में शफीक खान के विरुद्ध प्रकरण की सुनवाई किस न्यायालय में चल रही है उसकी पेशी कब है। उन्हें यह भी बताना चाहिए था कि शफीक खान को दो साल या उससे अधिक की सजा कब मिली और किस न्यायालय से मिली। इसके अलावा विशाल यादव के पक्ष का यह भी कहना है कि शफीक खान ने नलजलावर्धन का नियम विरुद्ध भुगतान कर दिया। बताया जाता है कि शफीक खान के पास के अधिवक्ताओं ने यह तर्क दिया कि इनमें से कुछ ऐसे बिंदु है जिनकी सुनवाई इलेक्शन पिटिशन में होना चाहिए वही अधिवक्ताओं का कहना है कि शफीक खान के विरूद्ध जितने मामले पंजीबद थे वह खत्म हो चुके है।
बताया जाता है कि 01 सितंबर को कलेक्टर न्यायालय में विशाल यादव के पक्ष के अधिवक्ता ऐसा कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर पाए जिससे शफीक खान के ऊपर लगे आरोप सिद्ध हो सके कलेक्टर ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अगली सुनवाई 8 सितंबर को रखा है। शफीक खान की तरफ से वरिष्ट अधिवक्ता आरिफ याहया, सुधीर सक्सेना, सोहेल जकी अनवर खान ने अपने तर्क रखे वहीं विशाल यादव की तरफ से हिमांशु राय अपने कुछ अधिवक्ताओं के साथ मौजूद थे।
01 सितंबर को कलेक्टे्रड में शफीक खान के मामले की सुनवाई चल रही थी तब कलेक्टर न्यायालय के सामने भाजपा और कांग्रेस के नेताओं का जमावड़ा भी देखने को मिला। एक तरफ भारतीय जनता पार्टी के पार्षद ज्ञानचंद सनोडिया, राजू यादव, दक्षिण मंडल के अध्यक्ष अभिषेक यादव, पूर्व जिला भाजपा अध्यक्ष प्रेम तिवारी, सांसद प्रतिनिधि संजू मिश्रा सहित अन्य नेता मौजूद थे तो वहीं दूसरी तरफ एआईसीसी कमेटी के सदस्य राजा बघेल, नगर पालिका परिषद के वरिष्ठ पार्षद एवं जिला कांग्रेस के प्रवक्ता राजिक अकील, पार्षद जोएब जकी अनवर खान, मेहमूद खान, जिला कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री लल्लू बघेल, घनश्याम सनोडिया, शिव शिव सनोड़ीया सहित अन्य नेता मौजूद थे।