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फोन पे के माध्यम से वसूली को लेकर भी चर्चित रहे है अनिमेष गढ़पाल

सिवनी महाकौशल। बालाघाट परिवहन विभाग में पदस्थ परिवहन अधिकारी अनिमेष गढ़पाल और प्राइवेट कर्मचारी संजय यादव के बीच क्या रिश्ता है यह दोनों से बेहतर कोई नहीं समझ सकता। अनिमेष गढ़पाल  का कहना है कि विभाग के बाबू ने संजय यादव को अपने सहयोग के लिए रखा है लेकिन वह यह नहीं बता पा रहे कि बाबू संजय यादव को अपनी जेब का पैसा देते हैं या फिर दैनिक वेतन भोगी के रूप में कार्यालय से उसे भुगतान किया जाता है। बताया जाता है की संजय यादव अपना अधिकांश समय बालाघाट के परिवहन कार्यालय में बिताता है।
परिवहन अधिकारी अनिमेष गढ़पाल का कहना है कि संजय यादव को बाबू ने काम पर रखा है लेकिन वह यह नहीं बता पा रहा है कि परिवहन विभाग के किस बाबू ने संजय यादव को किस काम के लिए रखा है और जो काम संजय यादव करता है उसके एवज में परिवहन विभाग के द्वारा संजय यादव को किस मद से भुगतान किया जाता है। सूत्र बताते है की संजय यादव को परिवहन विभाग के किसी भी मद से भुगतान नहीं किया जाता बल्कि परिवहन अधिकारी का सेटअप संजय यादव बनाता है और संजय यादव के माध्यम से ही कई बड़े बड़े काम होते है। जिस दिन मीडिया ने संजय यादव को कार्यालय में काम करते रंगे हाथ पकड़ा था उस दिन संजय यादव की जेब में एक सूची थी जो उन लोगो की बताई जा रही है जिनसे संजय यादव के माध्यम से सेट अप जमाया जाता था।
पूर्व में भी वसूली को लेकर चर्चाओं में रहा परिवहन विभाग
अनिमेष गढ़पाल के रहते पहली बार परिवहन विभाग चर्चाओं में आया ऐसा नहीं है, पूर्व में भी आरटीओ विभाग वसूली को लेकर जमकर चर्चाओं में रहा। सूत्र बताते हैं कि बालाघाट का परिवहन विभाग सिवनी से जाने वाले डंपरो को रोककर उनसे हर महीने वसूली करता था जिसके लिए बकायदा एक प्राइवेट आदमी लगाया गया था। दैनिक महाकौशल एक्सप्रेस ने 17 जुलाई 2021 को ‘बालाघाट आरटीओ के नाम से जमकर हो रही वसूली’ और 21 जुलाई 2021 को ‘आखिर बालाघाट के परिवहन अधिकारी अनिमेष गढ़पाल के नाम से कौन करवा रहा फोन पे’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। उस समय अनिमेष गढ़पाल का ध्यान भी इस और आकर्षित कराया गया था तो उन्होंने अपना बचाव करते हुए कहा था कि इस तरह मेरे द्वारा किसी प्रकार की कोई वसूली नहीं कराई जा रही लेकिन उन्होंने इस पूरे मामले की जांच भी नहीं कराया। सूत्र बताते हैं कि अनिमेष गढ़पाल हमेशा से अपने एक करीबी को साथ में रखते हैं जिनके माध्यम से वसूली का खेल चलता है यह बात उनके विभाग के कर्मचारियों के साथ-साथ आरटीओ के एजेंट भी जानते हैं। यदि अनिमेष गढ़पाल का संजय यादव के साथ कोई गठजोड़ नहीं है तो फिर वह संजय यादव की भूमिका की जांच क्यों नहीं कराते? वह थाने में आवेदन देते हुए यह जांच कराने की मांग क्यों नहीं करते कि आखिर संजय यादव आरटीओ कार्यालय में क्यों आता है और शासकीय फाइल को इधर से उधर करते हुए कम्प्यूटर में काम कैसे करता है? सवाल यह उठता है कि यदि अनिमेष गढ़पाल का संजय यादव के साथ कोई लेना देना नहीं है तो उन्हें जांच कराना चाहिए और यदि वह जांच कराने से कतरा रहे हैं तो फिर यह तय है कि अनिमेष गढ़पाल की स्वीकृति से ही संजय यादव आरटीओ कार्यालय में नियम विरुद्ध काम कर रहे हैं।