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रामभ्रदाचार्य के कहने से वैसे ही मुनमुन राय को हो गया है डैमेज: अविमुक्तेश्वरानंद महाराज

जगदगुरू स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज की जन्मस्थली सिवनी में दिनेश राय मुनमुन के द्वारा रामकथा का आयोजन किया गया था जिसमें स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने मंच से जगदगुरू स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज को लेकर उनका आचरण कांग्रेसी था, कहा गया था जिससे उनके अधिकांश शिष्य आहत थे तब कई लोगों ने कहा था कि क्या सिवनी विधायक दिनेश राय मुनमुन रामभद्राचार्य की बातों से सहमत है और यदि सहमत नहीं है तो उन्हें खंडन देना चाहिए लेकिन विधायक दिनेश राय मुनमुन ने खंडन नहीं दिया इस बीच आपका सिवनी आगमन हुआ तो आप दिनेश राय मुनमुन के निवास स्थान में चले गये, इसे क्या माना जाए? यह सवाल दैनिक महाकौशल एक्सप्रेस के संपादक ने ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की प्रेस कान्फ्रेस में उठाया तब अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने कहा कि रामकथा में रामभद्राचार्य द्वारा की गई टिप्पणी से दिनेश राय मुनमुन का कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने ऐसे व्यक्तित्व को बुलाया था जिन्हें ना तो टोका जा सकता था और ना ही बोला जा सकता था। उनहोने कहा कि एक वक्तव्य से किसी व्यक्ति के साथ सारे संबंध समाप्त करने का कारण नहीं बन सकता जबकि जो व्यक्तव्य दिया गया वह व्यक्तव्य उस व्यक्ति का ना हो।
अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने माना मुनमुन को हुआ है डैमेज
दैनिक महाकौशल एक्सप्रेस के सवालों का जवाब देते हुए शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने कहा कि दिनेश राय मुनमुन एक राजनैतिक व्यक्ति हैं और उन्हें यह नहीं मालूम था कि रामभद्राचार्य महाराज मंच से क्या बोलेंगे? उन्होंने कहा कि वैसे ही दिनेश राय मुनमुन को भारी डैमेज हो गया है रामभद्राचार्य महाराज के कहने से। अब दिनेश राय मुनमुन खंडन करें या मंडन करें यह वहीं बात हो गई कि इधर कुंआ, उधर खाई। खंडन करता है तो गड़बड़ है और मंडन करता है तो भी गड़बड़ है, बेचारा षाष्टांग कर रहा है।  प्रेस कान्फ्रेस के दौरान महाराजश्री द्वारा दिनेश राय मुनमुन के द्वारा कराई गई रामकथा को लेकर और भी कई बातें कहीं गई। जब महाराज जी ने कहा कि दिनेश राय मुनमुन खंडन करता है तो गड़बड़ और मंडन करता है तो भी गड़बड़ है, यह सुन वहां मौजूद सभी लोग ठहाके लगाकर हंसने लगे।
संस्कृत पाठशाला का होना चाहिए संचालन
प्रेस कान्फ्रेस के दौरान स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे यहां आकर चला कि यहां संस्कृत की पाठशाला चला करती थी, इस पाठशाला का ज्ञान के प्रकाश में बड़ा योगदान था लेकिन अब यह पाठशाला लुप्त हो गई। उन्होंने सभी के सहयोग से संस्कृत की पाठशाला प्रारंभ करने की बात कहा।
जमकर आक्रोशित हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज
प्रेस वार्ता के दौरान शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज का आज उग्र रूप देखने को मिला। सिवनी के दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित समाचार को लेकर उन्होंने नाराजगी जाहिर किया और जमकर आक्रोश जताने लगे जिसके बाद कुछ पत्रकार उठे और महाराज श्री से कहा कि यदि समाचार पत्र में छपी खबर से आपत्ति है तो नोटिस भेजना चाहिए इस तरह प्रेसवार्ता में पत्रकारों के ऊपर आक्रोशित नहीं हो सकते कहते हुए कुछ पत्रकार पत्रकारवार्ता छोडक़र बीच में ही आ गये। इस बीच अविमुक्तेश्वरानंद ने वहां मौजूद पत्रकारो से कहा कि थू है ऐसी पत्रकारिता में।