राजकुमार बंसल की जमीन पर तामसिंह बिसेन का कैसे हो गया कब्जा तामसिंह बिसेन ने ढाई महीने पहले धनौरा थाने में पांच लोगों के विरूद्ध कराया है एफआईआर दर्ज
सिवनी महाकौशल। लगभग ढाई महीने पहले धनौरा थाना अंतर्गत बरेली निवासी तामसिंह पिता पूरनसिंह बिसेन ने शिवप्रसाद राय, सतीश राय, लोकुदास सोनवानी, मो. वसीम एवं राजकुमार पिता विष्णु के विरूद्ध धारा 419, 420, 466, 467, 468, 471,120 बी के तहत मामला पंजीबद्ध किया था। इस पूरे प्रकरण में लगभग ढाई महीने हो गये बावजूद इसके अभी तक धनौरा पुलिस ने कोई विवेचना नहीं किया। वैसे इस पूरे मामले को लेकर जानकारो की माने तो एफआईआर दर्ज करने से पहले धनौरा पुलिस को कई बिंदुओ की जांच करना चाहिए था। इस पूरे मामले को लेकर दैनिक महाकौशल एक्सप्रेस के द्वारा दस्तावेज एकत्रित किये गये तो पता चला कि बरेली निवासी जिस तामसिंह पिता पूरनसिंह बिसेन उम्र 67 साल ने एफआईआर दर्ज करने के लिए आवेदन दिया था असल में उक्त तामसिंह बिसेन का नाम कभी उन जमीनों के रिकार्ड में ही नहीं जिसमे उनका कब्जा है। बताया जाता है कि बरेली निवासी तामसिंह पिता पूरनसिंह बिसेन ने धनौरा थाने में आवेदन देते हुए बताया था कि धनौरा निवासी शिवप्रसाद पिता दीपचंद राय उम्र 68 साल ने अपने पुत्र सतीश पिता शिव प्रसाद राय 48 साल के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश के कुछ लोगों को साथ में लेकर फर्जीवाड़ा करते हुए कूटरचित दस्तावेज बनाया और उनकी जमीन की रजिस्ट्री करते हुए उसमें कब्जा करने का प्रयास किया। उन्होने बताया था कि ग्राम बरेला में खसरा नंबर 296 ,313 रकबा क्रमश 2.75 ,4.43 तथा ग्राम बरेली के लेखसिंह डेहरिया निवासी घटेरी की भूमि खसरा नंबर 318 रकबा 1.14 हेक्टे कुल रकबा 08.30 हेक्टे है जिसमे कई वर्षों से वह भूमिस्वामी एव आधिपत्यधारी है जिसमें नामांतरण के लिए शिवप्रसाद राय एवं सतीश राय ने मुख्तारनामा तैयार कर भोपाल में रजिस्ट्री कराया था जिसका पता उन्होंने 208 राजहंस होटल आईएसबीटी भोपाल लिखाया जिसमें लोकुदास पिता नारायण दास सोनवानी निवासी ग्राम घोघरी खुर्द थाना धनौरा एवं मोहम्मद वसीम पिता मोहम्मद खलील निवासी 704/16/ 6 -ए गली नंबर चौहान बाजार में रेडीमेड उत्तर प्रदेश पूर्व दिल्ली ने गवाह के तौर पर हस्ताक्षर किए गये थे। तामसिंह के आवेदन मिलने के बाद धनौरा पुलिस ने पांच लोगों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कर लिया लेकिन उन्होंने आवेदन की निष्पक्ष जांच नहंी किया क्योंकि निष्पक्ष जांच करते तो वह कई बिंदुओ की जांच अवश्य करते। सूत्र बताते हैं कि जिस जमीन पर तामसिंह पिता पूरनसिंह बिसेन का कब्जा है असल में उक्त जमीन तामसिंह एवं उसके परिवार की थी ही नहीं। एफआईआर दर्ज करने से पहले धनौरा पुलिस को यह जांच अवश्य करना चाहिए था कि जिस जमीन पर तामसिंह अपना कब्जा बता रहा है उक्त जमीन तामसिंह के पास कब और कैसे आई? यदि धनौरा पुलिस इस मामले की निष्पक्ष जांच करे तो एफआईआर दर्ज कराने वाले तामसिंह की भूमिका भी सामने आ जाएगी।