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राकेश पाल सिंह के लिए घातक साबित हो सकता है छपारा नगर परिषद का भ्रष्टाचार

सिवनी। आज से ठीक एक साल पहले छपारा नगर परिषद के रूप में गठित हुई थी। केवलारी के विधायक राकेश पाल सिंह के कार्यकाल के दौरान छपारा नगर परिषद में उन्होंने सभी पार्षदो के बीच सामंजस्य बनाते हुए श्रीमती निशा सुरेश पटेल को निर्विरोध अध्यक्ष एवं ठा. शिवकांत सिंह को निर्विरोध उपाध्यक्ष बनाये जाने का प्रयास किया था जिसमें वह सफल भी हुए थे। पहली बार नगर परिषद में भाजपा काबिज होने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि विधानसभा चुनाव में राकेश पाल सिंह को इसका फायदा मिलेगा लेकिन जैसे जैसे समय बीतता गया वैसे वैसे छपारा नगर परिषद की अध्यक्ष श्रीमती निशा सुरेश पटेल के रहते सीएमओ श्यामगोपाल भारती ने अध्यक्ष को विश्वास में लेते हुए भ्रष्टाचार का कीर्तिमान स्थापित किया जिसकी पोल वर्ष 2022-23 में लाये गये बजट के बाद खुली।
छपारा नगर परिषद में अध्यक्ष सुरेश निशा पटेल और सीएमओ श्यामगोपाल भारती की जुगलबंदी से कई मदो से फर्जी भुगतान किये गये हैं। नगर परिषद के गठन के बाद से छपारा नगर परिषद ने विद्युत सामग्री क्रय करने के नाम से भारी भरकम फर्जी भुगतान किया है वहीं मुरम एवं डस्ट के नाम से भी भ्रष्टाचार हुआ है। इनके अलावा एलम ब्लीचिंग सप्लाई, वाहनों के मरम्मत, अधिकारियों के चाय-नाश्ते का खर्च, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को दिये जाने वाले वेतन में गड़बडिय़ां सामने आई। निशा सुरेश पटेल और सीएमओ श्यामगोपाल भारती के रहते निर्माणाधीन सुलभ काम्पलेक्स में घटिया निर्माण का मामला भी उजागर हुआ जो यह बताने के लिएकाफी है कि अध्यक्ष बनने के साथ ही सुरेश निशा पटेल ने नगर को मिलने वाली सुविधाओं के लिए दी जाने वाली राशि का बंदरबांट किया। अब छपारा नगर परिषद में चर्चा चलने लगी है कि छपारा नगर परिषद में भाजपा विकास के लिए नहीं बल्कि भ्रष्टाचार करने काबिज हुई है और यही छवि राकेश पाल सिंह को विधानसभा चुनाव में भारी पड़ सकती है। जब वह छपारा नगर परिषद के लोगों से वोट मांगने जायेंगे तो नगर के मतदाता उनसे यह अवश्य पूछेंगे कि आपने श्रीमती निशा सुरेश पटेल को नगर के विकास के लिए अध्यक्ष बनवाया था या उनके स्वयं के विकास के लिए? श्रीमती निशा सुरेश पटेल और सीएमओ श्यामगोपाल भारती की कार्यप्रणाली के कारण राकेश पाल सिंह को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।