...

रेत के मामले में अपनी सफाई देते फिर रहे है ठाकुर रजनीश सिंह

इन दिनों केवलारी विधानसभा के विधायक ठाकुर रजनीश सिंह रेत प्रेम के मामले में सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोर रहे हैं। दैनिक महाकौशल एक्सप्रेस के द्वारा लगातार समाचार प्रकाशित करते हुए उल्लेख किया गया की 2023 में जैसे ही ठाकुर रजनीश हरवंश सिंह चुनाव जीते तो उन्हें केवलारी विधानसभा क्षेत्र में रेत की खदान दिखाई दी। इसके अलावा उन्हें क्षेत्र के लोगों की दूसरी समस्याएं दिखाई नहीं दिया ।विधायक बनने के बाद ठाकुर रजनीश हरवंश सिंह ने खनिज अधिकारी से लेकर कमिश्नर तक उगली क्षेत्र में अवैध रेत उत्खनन और परिवहन किए जाने को लेकर पत्र व्यवहार किया इसके अलावा उन्होंने विधानसभा में भी अवैध रेत का मामला उठाया था। अब रजनीश सिंह अपनी सफाई देते फिर रहे है। उनका कहना है की उगली क्षेत्र में संचालित रेत खदान में कई फुट गहरी रेत खोद दी गई जिसके कारण किसानों की दोनो तरफ के जमीन बहाव में चले गई जिससे किसान परेशान है। ठाकुर रजनीश सिंह अपनी सफाई में यह भी कहते फिर रहे है की रेत से भरे डंफर के कारण जंगली जानवर गांव की तरफ जा रहे है। वैसे यहां प्रश्न यही है की ठाकुर रजनीश सिंह को 2023 में विधायक बनने के बाद ही यह सब कुछ क्यों दिखाई दे रहा है। 2013 में भी उगली क्षेत्र में रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन होता था। ठाकुर रजनीश सिंह के करीबी भी अवैध रेत उत्खनन और परिवहन का कारोबार करते है जिसके कारण उनके एक करीबी सरपंच के ऊपर रेत का अवैध उत्खन के लिए लगभग 47 लाख का जुर्माना भी लगाया है उस समय प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी तब उन्हे रेत का अवैध कारोबार दिखाई क्यों नही दिया।

            किन किसानों के खेत में हुआ बहाव---------ठाकुर रजनीश सिंह अपनी सफाई में कहते फिर रहे की रेत के अवैध उत्खन से किसानों की दोनो तरफ की जमीन बहाव में चले गई ऐसे में ठाकुर रजनीश सिंह को यह अवश्य बताना चाहिए की किन किसानों की जमीन बहाव में चले गई। जिन किसानों की जमीन बहाव में गई उन्होंने शासन प्रशासन से मुआवजे की मांग किया अथवा नहीं यदि किया था तो कब किया था। जिन किसानों की जमीन बहाव में चले गई वह किसान सामने क्यों नही आ रहे है। ठा. रजनीश सिंह ने विधानसभा में अवैध रेत का मामला उठाया था तब उन्होने किसानों की जमीन का मामला क्यों नही उठाया।

कही रेत रेत ठेकेदारों के ऊपर दबाव की राजनीति तो नहीवैसे 2023 में विधायक बनने के बाद जिस तरह से ठा. रजनीश सिंह रेत के मामले में सक्रिय नजर आ रहे है उसके बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा चल रही है कि ठा. रजनीश सिंह के भीतर अचानक रेत प्रेम नही जागा बल्कि पहले ठा. रजनीश हरवंश सिंह रेत ठेकेदारों के संपर्क में थे बाद में अचानक से उन्होने रेत का राग अलापना शुरू कर दिया ऐसे में उनकी इस सक्रियता को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे है।