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आरटीओ अनिमेश सही या संजय यादव?

सिवनी महाकौशल। बालाघाट के परिवहन विभाग में पदस्थ परिवहन अधिकारी अनिमेश गढ़पाल की भूमिका को लेकर इन दिनों जमकर चर्चाएं चल रही है। बताया जाता है कि आरटीओ में संजय यादव नामक एक प्राइवेट व्यक्ति बेखौफ होकर इधर से उधर घूमता है और सरकारी फाइलों को चेक करता है यहां तक कि कम्प्यूटर में भी वह काम करता है। गत दिवस मीडिया की टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया जिसके बाद पूछताछ में उसने बताया कि वह जगला मंड़ई बैहर तहसील का रहने वाला है जो कभी कभार आरटीओ कार्यालय आ जाता है जब उससे पूछा गया कि क्या तुम यहां कर्मचारी हो तो उसने कहा कि मैं कोई कर्मचारी नहीं हूं इसके ठीक विपरीत परिवहन अधिकारी अनिमेश गढ़पाल से जब मीडिया के लोगों ने पूछा तो उन्होंने कहा कि कार्यालय के बाबू ने उसे अपने सहयोग के लिए रखा है। सवाल यह उठता है कि परिवहन अधिकारी अनिमेश गढ़पाल सही है या फिर संजय यादव क्योंकि संजय यादव का कहना है कि वह जब काम होता है तो आता है जबकि अनिमेश गढ़पाल का कहना है कि कार्यालय के बाबू ने उसे अपने सहयोग के लिए रखा है। वैसे सूत्र बताते हैं कि यदि संजय यादव और परिवहन अधिकारी अनिमेश गढ़पाल के फोन नंबरों की जांच कर ली जाए तो पता चल जाएगा कि दोनों के बीच कितनी बार बातें होती है और क्या-क्या बातें होती है। सूत्रों की मानें तो जब से अनिमेश गढ़पाल बालाघाट में पदस्थ हुए हैं तब से ही वसूली को लेकर उनके ऊपर कई तरह के आरोप लगते रहे हैं लेकिन किसी भी अधिकारी ने उनके ऊपर लगने वाले आरोपों की जांच नहीं किया जिसके चलते अनिमेश गढ़पाल के हौसले बढ़ते गए और वह प्राइवेट व्यक्तियों के माध्यम से अपना काम कराते रहे।
आखिर संजय यादव के जेब में कौन सी सूची रखी थी
बालाघाट के परिवहन विभाग में प्राइवेट व्यक्ति संजय यादव सरकारी फाइल को इधर से उधर कर रहा था और कम्प्यूटर में भी काम कर रहा था तब मीडिया के लोगों ने उसे पकड़ लिया। मीडिया के लोग बार-बार यह कह रहे थे कि तुम्हारी जेब में जो सूची रखी हुई है उसे बाहर करो, देखना है कि उस सूची में किन-किन लोगों के नाम है बार-बार पूछे जाने के बाद भी संजय यादव ने अपने जेब का कागज बाहर नहीं निकाला। प्रश्न यह उठता है कि आखिर संजय यादव की जेब में कौन सी सूची रखी थी उसमें किन लोगों के नाम थे और संजय यादव उक्त सूची लेकर कहां घूम रहा था अब जबकि इस पूरे मामले ने तूल पकड़ लिया है ऐसे में देखना यह है कि बालाघाट के जिला कलेक्टर परिवहन विभाग में चल रही मनमर्जी को लेकर जांच कराते हैं या नहीं?