सरकारी जमीन के बदले निर्माण कार्य कराने का मामला विधानसभा में गूंजा राकेश पाल ने उठाया मामला
विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान केवलारी के विधायक राकेश पाल सिंह ने जिला मुख्यालय में स्थित 06 शासकीय भूखंडो पर पुर्नघनत्वीकरण योजना के तहत जमीन के बदले निर्माण के मामले को उठाया। राकेश पाल सिंह ने लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री से यह जानना चाहा कि क्या कार्यालय मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी सिवनी के द्वारा जिला मुख्यालय स्थित 6 शासकीय भूखंडो पर पुर्नघनत्वीकरण योजना के संबंध में शासन/विभाग व जिला प्रशासन को कोई पत्र लिखा गया है और यदि लिखा गया है तो उसकी जानकारी दें। राकेश पाल सिंह ने यह भी पूछा है कि उक्त 06 शासकीय भूखंडो में कर्मचारियों के द्वारा आवास गृह की मांग के विरूद्ध पर्याप्त आवास गृह ना होने के कारण नवीन आवास गृह निर्मित किये जाने की मांग की गई थी। यदि हां तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? और यदि नहीं तो क्यों? क्या उक्त 06 शासकीय भूखंड स्वास्थ्य विभाग की विधिवत अनुमति के बिना अन्य विभाग को विक्रय/अन्य कार्य हेतु दिये गये हैं। यदि हां तो उन्हें पुन: स्वास्थ्य विभाग के अधिपत्य में वापिस लेने के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई तो क्यों और कब तक की जाएगी जिसका जवाब लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री प्रभुराम चौधरी ने इतना कहकर समाप्त कर दिया कि जी हां, कार्यवाही प्रचलन में है। जबकि उक्त योजना के तहत निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुके हैं। इस पूरे मामले को लेकर राज्य शासन को गंभीरता दिखाना चाहिए था लेकिन विधायक राकेश पाल सिंह के द्वारा पूछे गये प्रश्र के बाद भी राज्य शासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
गौरतलब है कि इस पूरे मामले को दैनिक महाकौशल एक्सप्रेस ने प्रमुखता से उजागर करते हुए उल्लेख किया था कि सिवनी मुख्यालय में पुर्नघनत्वीकरण योजना के तहत 06 शासकीय भूखंडो पर नया निर्माण कार्य किया जाना है जिसकी अनुमानित लागत लगभग 62.5 करोड़ रू. बताई जा रही है। जिला मुख्यालय में स्थित 06 शासकीय भूखंडो जिसमें नया कलेक्ट्रेट भवन, 52 जीएडी आवास गृह, बस स्टैण्ड का विस्तारीकरण एवं बैनगंगा विस्तारीकरण निर्माण का टेंडर हुआ है जिसका खर्च 62.5 करोड रू. बताया जा रहा है जिसके बदले में शासन के द्वारा निर्माण एजेंसियों को जिला अस्पताल के सामने स्थित शासकीय भूमि जहां जिला मजिस्टे्रड का बंगला है वहां से लेकर फारेस्ट ऑफिस एवं जिला कांग्रेस कार्यालय के बाजू स्थित शासकीय भूमि, जिला अस्पताल के पास स्थित शासकीय भूमि जिसमें वर्तमान में कुछ चिकित्सकों और कर्मचारियों के मकान है उक्त भूमि, बाहुबली चौक के पास जहां पूर्व में श्रीमती नीता पटेरिया रहती थी उक्त भूमि, बस स्टैण्ड के पीछे उर्दू स्कूल के पास की शासकीय भूमि एवं पुरानी सब्जी मंडी नगर पालिका के पीछे की नजूल भूमि शामिल है। उक्त बेशकीमती जमीन ठेकेदारो को दिया जायेगा और उसके एवज में ठेकेदार लगभग 62.5 करोड़ की लागत से छह शासकीय भूखंडो में निर्माण कार्य करेंगे। इस मामले को राकेश पाल सिंह ने विधानसभा में उठाया। देखना यह है कि इस मामले को अन्य जनप्रतिनिधि भी गंभीरता से लेते हैं या नहीं?