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शिकायत के बाद भी सुधीर राजनेगी को क्यों नहीं हटाया

जनजातीय कार्यविभाग कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड 3 सुधीर राजनेगी का कार्यालय में सिक्का चलता है जिसके विरूद्ध कार्यवाही करने से विभाग के अधिकारी डरते हैं। विभागीय अधिकारी सहायक ग्रेड 3 के ऊपर कार्यवाही करने से क्यों डरते है यह तो वे ही जाने लेकिन जिस तरह से सुधीर राजनेगी की शिकायत के बाद भी उनके विरूद्ध किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं हो रही उसके बाद सुधीर राजनेगी के हौंसले बढ़ गये हैं।
अधीक्षकों, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को परेशान करने का है आरोप
बताया जाता है कि सहायक ग्रेड 3 सुधीर राजनेगी की शिकायत प्रमुख सचिव भोपाल सहित आयुक्त जनजातीय कार्यविभाग से करते हुए अवगत कराया गया है कि लगभग 10 सालों से सुधीर राजनेगी सिवनी के सहायक आयुक्त कार्यालय में पदस्थ है जिसके चलते वह अपने आपको वरिष्ठ कर्मचारी समझते हुए सहायक आयुक्त के अधीन आने वाले कई छात्रावास अधीक्षकों को परेशान करता है। बताया जाता है कि सुधीर राजनेगी के द्वारा ना केवल अधीक्षिकों को परेशान किया जाता है बल्कि शिक्षकों, भृत्य एवं दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को भी प्रताडि़त करते हुए उनकी शिकायत की जाती है। बताया जाता है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता गनपत लाल उइके ने उच्च अधिकारियों से शिकायत करते हुए अवगत कराया था कि सुधीर राजनेगी अपने आपको विभाग के उच्च अधिकारियों का करीबी बताते हुए छात्रावास अधीक्षकों, शिक्षको, भृत्य एवं दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को परेशान करता है। इतना ही नहीं सुधीर राजेगी के ऊपर यह भी आरोप है कि वह अधिकारियों के नाम से वसूली भी करता है।
दो महत्वपूर्ण शाखाओं का है प्रभार
शिकायतकर्ता ने उच्चाधिकारियों को अवगत कराया कि सुधीर राजनेगी के ऊपर विभाग के अधिकारी भी मेहरबान है। विभागीय अधिकारी कितने मेहरबान है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सुधीर राजनेगी को दो महत्वपूर्ण विभागों का प्रभार मिला हुआ है जिसमें से एक निर्माण शाखा तो दूसरी देयक शाखा है जिसमें सुधीर राजनेगी के द्वारा मनमर्जी चलाई जाती है। उम्मीद की जा रही थी कि भाजपा नेता के द्वारा की गई शिकायत के बाद सुधीर राजनेगी के कारनामों की जांच होगी और उसके विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं।
अन्य लिपिकों को भी हटाये जाने की चल रही थी चर्चा
बताया जाता है कि जनजातीय कार्यविभाग में ना केवल सुधीर राजनेगी नामक लिपिक विवादित है बल्कि संतोष राजनेगी लेखापाल, यशवंत नागभिरे सहायक ग्रेड 2 की भी शिकायत उच्च अधिकारियों को मिली है। चूंकि वर्तमान में विभिन्न विभागों के भीतर स्थानांतरण हो रहे हैं। उम्मीद थी कि उक्त तीनों कर्मचारियों के भी स्थानांतरण होगे और उन्हें किसी और जगह भेजा जाएगा लेकिन ऐसा लगता है कि तीनों ने उच्च स्तरीय सांठगांठ करते हुए अपना स्थानांतरण रूकवा लिया।