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सूदखोरी के मामले में भाजपा के पूर्व पार्षद का भी नाम आ रहा सामने

सिवनी महाकौशल। एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भरे मंच से यह दावा करते हैं कि प्रदेश में माफियाओं और सूदखोरों को बख्शा नहीं जाएगा वहीं दूसरी तरफ उन्हीं की पार्टी में रहे कुछ लोग सूदखोरी का खुलेआम कारोबार कर रहे हैं और सीधे साधे लोगों का खून चूसने का काम कर रहे हैं। लगभग 15 दिन पहले दवा व्यापारी दीपक अग्रवाल ने सूदखोरों से परेशान होकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था जिसका इलाज चल रहा है। इस मामले में पुलिस भी जांच में जुटी हुई है। दैनिक महाकौशल एक्सप्रेस ने जब इस पूरे मामले की पड़ताल किया तो सूत्र बताते हैं कि दीपक अग्रवाल को लगभग आधा दर्जन से अधिक लोग सूदखोरी के पैसो के लिए परेशान किया करते थे जिसमें एक भारतीय जनता पार्टी के पूर्व पार्षद का नाम भी सामने आ रहा है जो दीपक अग्रवाल को सूदखोरी के पैसो के लिए परेशान किया करता था। सूत्रों की माने तो उक्त पूर्व पार्षद के द्वारा दीपक अग्रवाल को ब्याज में पैसा दिया गया था और पैसा वसूल करने के लिए वह दीपक अग्रवाल के ऊपर दबाव बनाता था। चर्चा है कि पूर्व पार्षद का जुआ और सट्टे का भी कारोबार रहा है। सूत्रों की मानें तो यदि इस पूरे मामले की कोतवाली पुलिस निष्पक्ष जांच करें तो पूर्व पार्षद के नाम का खुलासा भी हो सकता है। बताया जाता है कि जिस पूर्व पार्षद का नाम इन दिनों सूदखोरों की फेहरिस्त में सामने आ रहा है उसके जुआ फड़ के भी रिकॉर्ड है। हालांकि इस संबंध में कोतवाली पुलिस से किसी भी प्रकार की कोई अधिकृत जानकारी नहीं मिल पाई लेकिन हमारे सूत्र बताते हैं कि जिस पूर्व पार्षद का नाम सूदखोरी के लिए सामने आ रहा है वह लम्बे समय से सूदखोरी और जुआ के काम से जुड़ा हुआ है लेकिन बीच में पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते उसे भारतीय जनता पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है बावजूद इसके उक्त पूर्व पार्षद की दबंगई कम नहीं हुई और वह सूदखोरी का पैसा वसूल करने दबाव बनाता है। इस पूरे मामले में देखना यह है कि कोतवाली पुलिस कब तक जांच करती है और कितने लोगों के चेहरे बेनकाब होते हैं।