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स्थानीय चुनाव में भाजपा को हराने का काम करने वाले प्रदीप जायसवाल भाजपा में शामिल होने का ढूंढ रहे मौका

सिवनी महाकौशल। बालाघाट क्षेत्र के विधायक गौरीशंकर बिसेन को शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया गया है। गौरीशंकर बिसेन लगातार प्रदीप जायसवाल गुड्डा का विरोध करते रहे हैं इस बीच वारासिवनी क्षेत्र की राजनीति में चर्चा चल रही है कि 5 सितंबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बालाघाट पहुंच सकते हैं जिनके सामने प्रदीप जायसवाल भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं जिसके  बाद सबकी नजर गौरीशंकर बिसेन सहित भारतीय जनता पार्टी के अन्य नेताओं के ऊपर टिक गई है जो लगातार प्रदीप जायसवाल का विरोध कर रहे हैं। गौरीशंकर बिसेन तो सार्वजनिक मंच से यह कह चुके है कि उनके रहते वह प्रदीप जायसवाल की एंट्री नहीं होने देंगे। वहीं दूसरी तरफ प्रदीप जायसवाल यह कहते फिर रहे हैं कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उनके काम से प्रभावित है और वह चाहते हैं कि वारासिवनी विधानसभा से प्रदीप जायसवाल भाजपा की टिकट से चुनाव लड़े जबकि वारासिवनी क्षेत्र के वरिष्ठ भाजपा नेताओं के साथ-साथ कई कार्यकर्ताओं का कहना है कि वह अंतिम समय तक प्रदीप जायसवाल का विरोध करेंगे उनका कहना है कि प्रदीप जायसवाल भाजपा में शामिल होते हैं वहां तक ठीक है लेकिन क्षेत्र से उन्हें टिकट नहीं मिलेगी और ना ही उन्हें टिकट लेने दिया जाएगा।
स्थानीय चुनाव में भाजपा को हराने का कोई मौका नहीं छोड़ते प्रदीप जयसवाल
स्थानीय भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब ज्योतिरादित्य सिंधिया विधायकों के साथ कांग्रेस छोडक़र भाजपा में शामिल हुए थे तब प्रदीप जायसवाल ने भाजपा क्यों ज्वाइन नहीं किया तब उन्होंने भाजपा का समर्थन करते हुए अपने आपको यह बताने का प्रयास किया कि वह क्षेत्र के विकास के लिए भाजपा के साथ है लेकिन जब भी स्थानीय निकाय चुनाव होते हैं तो प्रदीप जायसवाल भारतीय जनता पार्टी के विरोध में मोर्चा खोल लेते हैं और भाजपा के प्रत्याशियों को हराने का पूरा काम करते हैं। नगरीय निकाय चुनाव से लेकर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रदीप जायसवाल ने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों को हराने में कोई कसर नहीं छोड़ा था ऐसी स्थिति में प्रदीप जायसवाल भाजपा के प्रति ईमानदार हो ही नहीं सकते। क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारी का कहना है कि प्रदीप जायसवाल स्वार्थ के लिए राजनीति करते हैं। गौरतलब है कि प्रदीप जायसवाल और उनके पूरे परिवार को कांग्रेस ने बहुत कुछ दिया प्रदीप जायसवाल के पिता के समय से उनके परिवार को कांग्रेस टिकट देते रही यहां तक की प्रदीप जायसवाल को जिला कांग्रेस का अध्यक्ष तक बनवा दिया, निर्दलीय विधायक होने के बावजूद कांग्रेस की सरकार में प्रदीप जायसवाल को खनिज मंत्रालय दिया गया लेकिन जैसे ही कांग्रेस की सरकार गिरी वैसे ही प्रदीप जायसवाल के सुर बदल गए और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को समर्थन देते हुए खनिज निगम अध्यक्ष का पद हथिया लिया बावजूद इसके उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ताओं का विरोध बंद नहीं किया और स्थानीय चुनाव में उन्होंने भाजपा को हराने के लिए हर संभव प्रयास किया ऐसे में यदि प्रदीप जायसवाल को भारतीय जनता पार्टी सदस्यता देती है और टिकट देने में विचार करती है तो उन कार्यकर्ताओं के साथ धोखा होगा जो बिना किसी स्वार्थ के पार्टी के साथ जुडक़र काम कर रहे हैं देखना यह है कि प्रदेश नेतृत्व और केंद्रीय नेतृत्व भारतीय जनता पार्टी के निष्ठावान और ईमानदार कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान करती है या फिर प्रदीप जायसवाल जैसे अवसरवादी नेता को मौका देती है।