ठेकेदार राहुल जैन के ऊपर क्यों मेहरबान है नगर पालिका के तकनीकी अधिकारी
सिवनी महाकौशल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा झील एवं तालाबो के रखरखाव व सौंदर्यीकरण के लिए सिवनी के दलसागर तालाब में टापू का सौंदर्यीकरण एवं फुटब्रिज निर्माण कार्य के लिए 1 करोड़ 56 लाख 73 हजार स्वीकृत किये गये थे जिसमें उच्च स्तरीय सांठगांठ करते हुए लखनादौन के ठेकेदार राहुल जैन के द्वारा लगभग 36 प्रतिशत अधिक की दर से ठेका प्राप्त कर लिया गया जिसे नगर पालिका परिषद ने 12.05.2023 को राहुल जैन को कार्यादेश जारी किया। नगर पालिका परिषद के द्वारा कार्यादेश मिलने के बाद राहुल जैन ने अपनी कंपनी के तकनीकी अधिकारियों के बिना ही काम प्रारंभ कर दिया जिसके ऊपर सिवनी नगर पालिका के तकनीकी अधिकारी बेहद ही मेहरबान रहे। बताया जाता है कि राहुल जैन के द्वारा कार्यस्थल पर लैब की स्थापना किये बिना काम प्रारंभ कर दिया गया था जहां उन्होंने मटेरियल की गुणवत्ता को ध्यान में रखे बिना मटेरियल का उपयोग किया। उम्मीद की जा रही थी कि सिवनी नगर पालिका के तकनीकी अधिकारी बिल पास करने से पहले ठेकेदार राहुल जैन के द्वारा फुटब्रिज में उपयोग किये गये मटेरियल की जांच करने के बाद ही एमबी (मेजरमेंट बुक) में माप दर्ज करेंगे लेकिन सूत्रों की माने तो नगर पालिका परिषद के तकनीकी अधिकारियों ने एमबी में माप दर्ज कर लिया जिसके आधार पर ठेकेदार राहुल जैन को 1 करोड़ से अधिक का भुगतान करने की तैयारी भी शुरू हो गई। हालांकि दैनिक महाकौशल एक्सप्रेस के द्वारा लगातार समाचार प्रकाशित करने के बाद सूत्र बताते हैं कि फिलहाल राहुल जैन को किये जाने वाले भुगतान की फाईल रूक गई है।
अपने आपको विधायक का करीबी बताता है राहुल जैन
सिवनी नगर पालिका से जुड़े सूत्रो की माने 01 करोड़ 56 लाख 73 हजार की लागत से होने वाले निर्माण कार्य के लिए राहुल जैन ने लगभग 36 प्रतिशत से अधिक दर पर ठेका लिया हुआ है जो अपने आपको सिवनी विधायक दिनेश राय मुनमुन का करीबी बताते हुए नियम विरूद्ध तरीके से बिल पास कराने की कोशिश में लगा हुआ है। सूत्र तो यह भी बताते है कि राहुल जैन सिवनी नगर पालिका परिषद के कुछ अधिकारियों को विश्वास में लेकर बिल पास कराने का प्रयास कर रहा है। देखना यह है कि इस पूरे मामले में सिवनी के विधायक दिनेश राय मुनमुन सिवनी नगर पालिका परिषद के तकनीकी अधिकारियों से बिल निकालने से पहले यह पूछते है या नहीं कि राहुल जैन के द्वारा ब्रिज निर्माण में जो मटेरियल का उपयोग किया गया है उसकी जांच कराये बिना बिल किसके कहने पर निकाला जा रहा है। फिलहाल सबकी नजर नगर पालिका परिषद के ऊपर टिकी ुहई है।