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... तो एक दिसंबर से नगर के लोगो को नही मिलेगा पीने का पानी

सिवनी महाकौशल 28  नवं. 2023
नल-जल योजना के तहत लक्ष्मी सिविल इंजीनियर के द्वारा निर्माण कार्य कराया गया था एवं कंपनी के द्वारा ही योजना का संचालन किया जा रहा था। गत दिवस लक्ष्मी सिविल इंजीनियर ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी को पत्र लिखते हुए चेतावनी दिया कि यदि 30 नवंबर तक उनको बकाया भुगतान नहीं होता तो फिर 01 दिसंबर से वह सिवनी नगर पालिका क्षेत्र में पानी की सप्लाई नहीं कर पाएंगे यानी कि नगर पालिका परिषद ने कंपनी को भुगतान नहीं किया तो 01 दिसंबर से सिवनी नगर के लोग पानी के लिए तरसते रहेंगे। बताया जाता है कि गत दिवस लक्ष्मी सिविल इंजीनियर ने नगर पालिका परिषद के सीएमओ को पत्र लिखते हुए उन्हें अवगत कराया कि 2019 से कंपनी के द्वारा उक्त योजना के तहत पानी सप्लाई का काम कराया जा रहा है।  जलावर्धन योजना के तहत भीमगढ़ से बबरिया फिल्टर प्लांट तक  एवं प्लांट से बबरिया तक टंकियों के माध्यम से कंपनी के कर्मचारियों के द्वारा पानी सप्लाई कराई जाती है साथ ही एलम ब्लीचिंग की व्यवस्था भी कंपनी के द्वारा की जाती है। 01 अप्रैल 2022 से लेकर 31 मार्च 2023 तक नगर पालिका परिषद ने कंपनी का एक करोड़ 66 लाख 52000 रू. बिल का भुगतान नहीं किया जिसके कारण कंपनी के सामने आर्थिक समस्या उत्पन्न हो गई है। कंपनी के पास एलम ब्लीचिंग तक खरीदने के लिए पैसा नहीं है। यदि 30 सितंबर तक नगर पालिका परिषद भुगतान नहीं करती है तो फिर 01 दिसंबर से कंपनी हाथ खींच लेगी जिसके कारण नगर के लोगो को पीने का पानी नहीं मिल पाएगा।
उल्लेखनीय है कि नल जलावर्धन योजना के तहत जब काम प्रारंभ किया गया था तब उक्त कंपनी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती आरती अशोक शुक्ला के ऊपर भी यह आरोप लगते थे कि वह निर्माणाधीन कंपनी के ऊपर मेहरबान है। सिवनी नगर पालिका परिषद में जब कांग्रेस की नगर सरकार आई तब कांग्रेस ने उक्त कंपनी के द्वारा कराये गये काम की जांच कराने की बात कहा था बावजूद इसके नगर पालिका परिषद ने कंपनी को भारी भरकम भुगतान कर दिया था जिसकी शिकायत भारतीय जनता पार्टी के पार्षदो द्वारा जिला कलेक्टर से की गई थी। इस मामले की जांच नहीं हो पाई, इस मामले में एक बार फिर बिल का भुगतान नहीं होने से पानी की सप्लाई बंद करने का अल्टीमेटम दे दिया जिसके बाद देखना यह है कि नगर पालिका परिषद कंपनी को भुगतान करती है या फिर कोई वैकल्पिक व्यवस्था करती है।