...

घोघरी स्कूल का कारनामा: विद्यार्थी परीक्षा में बैठा ही नहीं और दे दिया सप्लीमेंट्री

विद्यार्थी परीक्षा में बैठा ही नहीं और उसे सप्लीमेंट्री आ गई यह कारनामा सिवनी जिले में ही हो सकता है जहां कुछ भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी अपना मूल काम छोडक़र मलाई चाटने में लगे हुए हैं। बताया जाता है कि सिवनी में जनजाति कार्य विभाग एक ऐसा विभाग है जो आए दिन सुर्खियों में रहता है जिसकी मनमर्जी रोकने में उच्च अधिकारी भी नाकाम है और जिले के जनप्रतिनिधि भी जनजाति कार्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के सामने बौने नजर आते हैं जिसका पूरा फायदा लापरवाह अधिकारी और कर्मचारी उठाते हैं। ताजा मामला लखनादौन तहसील के अंतर्गत आने वाली ग्राम डूंगरिया पोस्ट कहानी का है जहां एक विद्यार्थी आठवीं की कक्षा में बैठा ही नहीं लेकिन स्कूल प्रबंधन ने उसे सप्लीमेंट्री दे दिया।
यह है मामला
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम डूंगरिया पोस्ट कहानी तहसील लखनादौन निवासी  रामसिंह उईके दृष्टि बाधित है। चूंकि घर पालने की जिम्मेदारी उसी की है यह देखते वह अपने पुत्र जो एकीकृत माध्यमिक शाला घोघरी में कक्षा आठवीं का विद्यार्थी है उसे लेकर काम करने के लिए छिंदवाड़ा जिले में चले गया था और पुत्र के साथ काम कर रहा था इस बीच कक्षा आठवीं की परीक्षा हुई लेकिन उसके पुत्र ने परीक्षा नहीं दिया। आश्चर्य तो तब हुआ जब कक्षा आठवीं का परीक्षा परिणाम आया तो दृष्टिबाधित व्यक्ति के पुत्र को सप्लीमेंट्री दे दी गई। प्रश्न उठता है कि जब विद्यार्थी ने परीक्षा दिया ही नहीं तो फिर उसे बाकी विषयों में पास कैसे कर दिया गया और सप्लीमेंट्री कैसे दे दी गई? बताया जाता है कि उक्त स्कूल हरप्रसाद पाराशर महेंद्र नाग एवं कमलेश जायसवाल जैसे शिक्षकों की देखरेख में संचालित होता है। सवाल यही उठता है कि क्या उक्त शिक्षक अपने उच्च अधिकारियों को अंधेरे में रखकर मनमर्जी चला रहे हैं। इस पूरे मामले की जांच इसलिए भी होना चाहिए कि हो सकता है संबंधित शिक्षक अपना बेहतर परिणाम बताने के लिए इस तरह के कारनामे कर रहे हो। गौरतलब है कि जनजातीय कार्यविभाग में पदस्थ सहायक आयुक्त डॉ. अमर उइके के रहते ना केवल कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारी मनमर्जी चला रहे हैं बल्कि स्कूलों, कुछ छात्रावासो व आश्रमों में भी मनमर्जी चल रही है जिसे रोक पाने में श्री उइके पूरी तरह नाकाम है।
कर्मचारियों को किसका मिल गया आर्शीवाद
गौरतलब है कि जनजातीय कार्यविभाग में पदस्थ सहायक आयुक्त डॉ. अमर उइके के संरक्षण में कुछ कर्मचारी अपनी मनमर्जी चला रहे हैं जिसमें सहायक ग्रेड 2 यशवंत नगभिरे, लेखापाल संतोष राजनेगी, सहायक ग्रेड 3 सुधीर राजनेगी शामिल है। बताया जाता है कि यह सभी को क्षेत्रीय संयोजक वीरेंद्र बोरकर के इशारो में ही काम करते हैं और वीरेंद्र बोरकर के ऊपर डॉ. अमर उइके का संरक्षण है। सूत्रों की माने तो जब तबादला प्रारंभ हुआ था तब सहायक ग्रेड 2 यशवंत नगभिरे, लेखापाल संतोष राजनेगी, सहायक ग्रेड 3 सुधीर राजनेगी एवं तथाकथित क्षेत्रीय संयोजक वीरेंद्र बोरकर का नाम भी स्थानांतरण सूची में था और बकायदा नोटशीट भी चलाई गई थी लेकिन इनमें से कुछ लोगों ने सत्तापक्ष के नेताओं का विश्वास जीत लिया जिसके कारण उन्हें अभयदान दे दिया फिलहाल इसलिए उक्त स्थानांतरण की फाईल रूक गई है। कुल मिलाकर सिवनी में जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता का भी लोग फायदा उठा रहे हैं।