सिविल सर्जन डॉ. विनोद नावकर द्वारा बेची गई जमीन में शुरू हुआ विवाद, थाने पहुंचा मामला
सिवनी महाकौशल। इन दिनों जिला अस्पताल में पदस्थ सिविल सर्जन डॉ विनोद नावकर कई मामलों में सुर्खियां बटोर रहे हैं। असल में डॉक्टर विनोद नावकार को जो लोग जानते हैं उनकी माने तो श्री नावकर का एकमात्र उद्देश्य पैसा कमाना रहा है। पैसे कमाने के शौकीन डॉक्टर नावकर ना केवल अस्पताल से वेतन के रूप में भारी भरकम राशि लेते है बल्कि अपने घर में भी प्रायवेट क्लीनिक का संचालन करते है और उनके घर में भारी भरकम भीड़ रहती है। इतना ही पैसे कमाने के शौकीन डॉ. विनोद नावकर को जमीनों का कारोबार करने का भी शौक है और वह स्वयं के नाम पर और अपनी पत्नी के नाम पर जमीन खरीद कर बेचते भी हैं जिनका साथ जमीनों के कुछ दलाल भी देते है। हाल ही में ग्राम पंचायत डोरली छतरपुर का मामला डूंडासिवनी थाना पहुंचा। बताया जाता है की ग्राम पंचायत डोरली छतरपुर में डॉक्टर विनोद नावकर और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती ज्योत्सना नावकर के नाम बेशकीमती जमीन है। बताया जाता है की नावकर दंपत्ति ने कुछ लोगों को कच्चे प्लॉट बिना विकास किए बेच दिए और बकायदा उन प्लॉटो की रजिस्ट्री भी कर दिये। डॉ. नावकर के द्वारा जिन लोगो के प्लॉट के नाम की रजिस्ट्री की गई उनमें से एक व्यक्ति ने प्लाटो में कॉलम खड़ा किया तो दूसरे प्लॉट के लोगो ने आपत्ति दर्ज कराते हुए डूंडा सिवनी थाने में आवेदन दिया। बताया जाता है कि डूंडासिवनी थाना प्रभारी ने सभी लोगो को बुलाया तब पता चला कि नावकर दंपत्ति ने कुछ लोगों को प्लॉट बेचे थे जिनमें से एक व्यक्ति को अधिक रकबे की रजिस्ट्री कर दी गई जबकि मौके पर उतना प्लॉट है ही नहीं। हालांकि थाने से यह पूरा मामला नहीं सुलझ पाया। सूत्र बताते है कि जिन लोगों को नावकर दंपत्ति ने प्लॉट बेचे है उन लोगो को नावकर दंपत्ति ने बुलवाया है। देखना यह है कि इस मामले में नावकर दंपत्ति क्या करते है। फिलहाल उक्त विवाद से यह तो स्पष्ट हो गया कि नावकर दंपत्ति शासकीय नौकरी के साथ साथ जमीनों का कारोबार भी कर रहे हैं।