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वाइल्ड चैलेट रिसोर्ट के संचालक अब्दुल कादर, जाहिद कादर और सेहर कादर ने रिसोर्ट बेचने के नाम से 51 लाख की किया धोखाधड़ी

बालाघाट/मंडला। मंडला जिले के बिछिया तहसील के अंतर्गत ग्राम मोचा में स्थित वाइल्ड चैलेट रिसोर्ट को बेचने के नाम से मुंबई के तीन लोगों ने बालाघाट निवासी डॉ रागिनी पारधी के साथ लगभग 51 लाख रू. की धोखाधड़ी किया जिसकी रिपोर्ट बालाघाट कोतवाली पुलिस ने दर्ज किया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डॉक्टर रागिनी पति छगेंद्र पारधी निवासी सर्किट हाउस गोंदिया रोड़ बालाघाट ने पुलिस को बताया था कि उन्हें लगभग 3 साल पहले पता चला था कि बिछिया में एक रिसोर्ट है जिसका नाम वाइल्ड चैलेट रिसोर्ट है जो बिक रहा है तब उन्होंने बेचने वालों की जानकारी जुटाना प्रारंभ किया तो पता चला कि नीलकंठ हरिनखेडे को यह जानकारी है तब उन्होंने नीलकंठ से इस संबंध में चर्चा किया तो उन्होंने बताया कि उक्त रिसोर्ट अब्दुल कादर, जाहिद कादर तथा सेहर कादर निवासी 12 सनफ्लावर अपार्टमेंट कार्टर रोड ओटर्स क्लब के सामने बांद्रा मुंबई महाराष्ट्र का है। बताया जाता है कि रागिनी पारधि ने अपने पति के साथ उक्त रिसोर्ट देखा जो उन्हें पसंद आ गया तब उन्होंने अब्दुल कादर से मोबाइल में बात किया तो उन्होंने बताया की उक्त रिसोर्ट इंडियन एडवेंचर ( कान्हा) के स्वामित्व का है जिसमे उनके अलावा उनके भाई जाहिद कादर और सेहर कादर पाटनर है।
सात करोड़ में सौदा हुआ था तय
बताया जाता है कि वह रिसोर्ट का सौदा लगभग 7 करोड रुपये में तय हुआ था जिसके बयाने के तौर पर डॉ. श्रीमती रागिनी श्रीवास्तव ने 11 लाख रुपया आरटीजीएस के माध्यम से भेजे थे बाकी रकम लिखा पढ़ी के दौरान दिए जाने की बात हुई थी बताया जाता है कि 24 अक्टूबर 2020 को अब्दुल कादर, जाहिद कादर और सेहर कादर बालाघाट रागिनी पारध्ी के घर आए थे और तीनों ने बताया था कि जिस रिसोर्ट का सौदा चल रहा है उसका कोई भी मामला किसी भी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है उन्होंने रिसोर्ट के दस्तावेज भी दिखाया था तब एक एग्रीमेंट तैयार हुआ और 40 लाख रुपए पुन: आरटीजीएस के माध्यम से इंडियन एडवेंचर कान्हा के अकाउंट नंबर पर ट्रांसफर किए गए थे तब तीनो ने कहा था कि 6 महीने के भीतर रजिस्ट्री कर देंगे तब शेष राशि दे दी जाएगी। बताया जाता है कि 6 महीने बीत जाने के बाद जब डॉक्टर रागिनी ने तीनों से रजिस्ट्री करने को कहा तो उन्होंने कहा कि अभी दस्तावेज तैयार नहीं हुए हैं हमें 3 महीने का समय और दे दिया जाए तब डॉक्टर रागिनी ने उन्हें 3 महीने का समय और दे दिया लेकिन बाद में तीनों रजिस्ट्री कराने के लिए हीला हवाला करते रहे जिससे परेशान होकर डॉक्टर रागिनी ने बालाघाट कोतवाली में आवेदन दिया जिसकी जांच करने के बाद बालाघाट पुलिस ने तीनों भाइयों के विरुद्ध धारा 420 ,120 बी एवं 34 के तहत मामला पंजीबद्ध करते हुए जांच में ले लिया।