मुख्यमंत्री के लिए चौकाने वाला निर्णय ले सकते हैं नरेंद्र मोदी
आदिवासियों का विश्वास जीतने फग्गनसिंह कुलस्ते या सुमेरसिंह सोलंकी के नाम पर भी किया जा सकता है विचार
सिवनी महाकौशल 06 दिसं. 2023
भारतीय जनता पार्टी को राजस्थान,छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में बम्फर जीत मिली खास बात यह रही की तीनो ही प्रदेश में किसी को मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं बनाया गया था। तीनो ही प्रदेश में भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर चुनाव लड़ी और तीनो ही जगह स्पष्ट बहुमत हासिल किया। अब तीनो प्रदेशों में मुख्यमंत्री कौन होगा इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। चूंकि मध्यप्रदेश में भाजपा ने 163 सीट जीता है। अधिकांश भाजपाइयों का कहना है कि मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के द्वारा चलाई गई लाडली बहना का असर है कि इतनी बड़ी जीत मिली जबकि मुख्यमंत्री के दावेदारों के समर्थक दबी जुबान से इसे मैजिक नही मानते बल्कि उनका कहना है की यह सिर्फ मोदी का जादू था जो तीन प्रदेशों में काम कर गया क्योंकि यदि यह लाडली बहनों का जादू होता तो फिर दो अन्य प्रदेशों में स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार नही बनती। जितने नेता मुख्यमंत्री के दावेदार है उनके समर्थकों के उतने ही दावे है। फिलहाल सबकी निगाह मध्यप्रदेश का अगला मुखिया कौन होगा इस पर टिकी है। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा के बीच तीनो प्रदेशों के मुख्यमंत्री के नाम पर लगभग चार घंटे मंथन चलते रहा। जो लोग नरेंद्र मोदी और अमित शाह की राजनीति को समझते है उनकी माने तो यदि मुख्यमंत्री के चेहरे के लिए चार घंटे मंथन हुआ है इसका मतलब यह है की तीनो राज्यो में वह कोई अप्रत्याशित निर्णय लेने के मूंड में है जिसकी कल्पना कोई नहीं कर सकता।
तीनो राज्यो में जाएंगे पर्यवेक्षक
बताया जाता है की मंगलवार को तीनो नेताओ ने चार घंटे मंथन किया जिसके बाद निर्णय लिया गया कि तीनो राज्यो में पर्यवेक्षक भेजा जाएगा जो विधायको से मिलकर सीएम के लिए पैनल बनाकर देंगे। कयास लगाए जा रहे है की आज शाम तक पर्यवेक्षक की नियुक्ति हो सकती है। फिलहाल मुख्यमंत्री के दावेदारो में शिवराज सिंह चौहान के अलावा प्रहलाद पटेल, कैलाश विजयवर्गीय, नरेंद्र तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं वीडी शर्मा का नाम सामने है।
प्रहलाद पटेल, नरेंद्र तोमर सहित 10 सांसदो ने दिया स्तीफा
मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी ने कई सांसदो को मौका दिया था। बताया जाता है कि जीतने वाले लगभग 10 सांसदो ने स्तीफा दे दिया जिससे यह स्पष्ट हो गया कि अब वह प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहेंगे। जिन संासदो ने संसदीय सदस्यता से स्तीफा दिया उनमें नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंंह पटेल, राकेश सिंह, राज्यवर्धन सिंह राठौर, गोमती साय, दीया कुमारी, रीति पाठक, अरूण साव, किरोड़ीमल मीणा, उदयप्रताप सिंह शामिल है जबकि फग्गनसिंह कुलस्ते एवं गणेश सिंह चुनाव हार गये इसलिए उन्होंने स्तीफा नहीं दिया। सांसदो के स्तीफे से यह तो स्पष्ट हो ही गया कि वह मध्यप्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहेंगे चंूकि वर्तमान में प्रदेश की राजनीति में मुख्यमंत्री को लेकर मंथन चल रहा है जिसमें शिवराज सिंह चौहान सहित प्रहलाद पटेल, नरेंद्र तोमर, कैलाश विजयवर्गीय,वीडी शर्मा, ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम की चर्चा है। इसके अलावा और भी कुछ चौकाने वाले नाम सामने आ सकते हैं।