किस पूर्व कलेक्टर ने ज्यारत के नाले से मुरम हटाने नगर पालिका को किया था मना
सिवनी में कई ऐसे कलेक्टर आये हैं जिन्होंने नगर की तस्वीर बदलने के लिए बड़े-बड़े निर्णय लिये हैं वर्तमान कलेक्टर क्षितिज सिंघल भी नगर को सुव्यवस्थित बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं लेकिन सिवनी में कुछ ऐसे भी अधिकारी हुए हैं जो धनाढ्य और दबंग लोगों के शुभचिंतक भी रहे है।
बताया जात है कि ज्यारत के खसरा नं. 14 मेें रकबा 1.1000 हेक्टेयर नाले मद की जमीन है जहां से सिवनी नगर का पानी बहता है जिसमें कुछ असामाजिक तत्वो के द्वारा लगभग 100 डंपर मुरम डालकर सडक़ बनाने का काम किया जा रहा था जिसे दैनिक महाकौशल एक्सप्रेस ने प्रमुखता से उजागर किया था। शिकायत मिलने के बाद तत्कालीन सीएमओ पूजा बुनकर के निर्देश पर नगर पालिका परिषद में पदस्थ उपयंत्री संतोष तिवारी भी निरीक्षण करने मौके पर पहुंचे थे जिन्होंने पाया था कि सरकार नाला को पूरकर सडक़ बनाने का काम किया जा रहा है तब 9 अक्टूबर 2022 को सिवनी नगर पालिका परिषद ने नाला के ठीक सामने खसरा नं. 14/7 में कालोनी बनाने वाले कालोनाइजर रूपेश मालू को नोटिस जारी करते हुए तीन दिन के भीतर जवाब देने के लिए कहा था और जवाब नहीं देने की स्थिति में उक्त कालोनी को दी गई अनुज्ञा समाप्त करने के निर्देश दिये गये थे।
सूत्र बताते हैं कि पूर्व के कलेक्टर ने नगर पालिका परिषद के अधिकारियों को मौखिक रूप से निर्देश दिया था कि नाले में मुरम पूरने के मामले में किसी प्रकार की कोई कार्यवाही ना की जाये जिसके बाद सिवनी नगर पालिका परिषद के द्वारा 9 अक्टूबर को रूपेश मालू को दिये गये नोटिस को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया और अब तक सिवनी नगर पालिका परिषद नाला में मुरम पूरने वालो का पता नहीं लगवा पाई। हालांकि सूत्र बताते हैं कि सिवनी नगर पालिका परिषद के अधिकारियों को यह अच्छी तरह से मालूम है कि उक्त नाले में किसने मुरम पूरा है लेकिन नगर पालिका परिषद के अधिकारी भी मुरम पूरने वालो के ऊपर मेहरबान नजर आ रहे हैं, इस मेहरबानी का राज क्या है यह तो नगर पालिका परिषद के अधिकारी जाने लेकिन चर्चा है कि जिस तरह पूर्व के कलेक्टर ने सिवनी नगर पालिका परिषद के अधिकारियों को नाले में पूरी गई मुरम के मामले में कोई कार्यवाही नहीं करने के लिए कहा था उससे तो यही लगता है कि कलेक्टर के ऊपर भी किसी ना किसी ऐसे व्यक्ति का दबाव रहा होगा जो ऐसे फर्जी काम कराने में माहिर है। प्रश्र यह उठता है कि सिवनी में आखिर ऐसा कौन व्यक्ति है जो सरकारी नाले में मुरम पूरने के मामले में कलेक्टर का ही विश्वास जीत रहा हो। वैसे वर्तमान कलेक्टर क्षितिज सिंघल को इस मामले में संज्ञान अवश्य लेना चाहिए क्योंकि यदि शासकीय नाले को पूरकर सडक़ बनाने वालो के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं हुई तो उनके हौंसले बढ़ जायेंगे और वह भविष्य में भी अन्य शासकीय जमीनों में कब्जा करते हुए फर्जीवाड़ा करते रहेंगे। देखना यह है कि ज्यारत से बहने वाले शासकीय नाले पर कब्जा कर मुरम पूरकर सडक़ बनाने वाले अज्ञात लोगो को चिन्हित करते हुए प्रशासन क्या कार्यवाही करती है।
गौरतलब है कि यदि नाले को पूरकर सडक़ निर्माण कार्य किया जाता है तो इसका सबसे ज्यादा फायदा खसरा नं. 14/7 में कालोनाइजर रूपेश मालू के द्वारा बनाई जा रही सुविधि नगर को होगा जो सीधे ज्यारत के पास मोहन परोहा के द्वारा बनाई जा रही कालोनी से जुड़ जाएगी।