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पार्टी को कटघरे में खड़ा करने वाले धनंजय संध्या को मिली एनएसयूआई अध्यक्ष की जिम्मेदारी

सिवनी महाकौशल 03 जुलाई 2023
सिवनी जिले की कांग्रेस में भी परिवारवाद हावी होने लगा है जिसकी चर्चा अब सोशल मीडिया में चलने लगी है। सोशल मीडिया में तो एक युवक ने तो यह तक लिख डाला कि सिवनी में परिवारवाद को देखते हुए वह सभी पदों से स्तीफा दे रहा है। असल में गत दिवस प्रदेश के एनएसयूआई अध्यक्ष ने जिले के अध्यक्षों की घोषणा किया जिसमें सिवनी जिलाध्यक्ष के पद पर धनंजय संध्या की नियुक्ति की गई जिसके बाद कांग्रेस सवालो के घेरे में आ गई।
असल में लगभग डेढ़ महीने पहले एनएसयूआई के जिलाध्यक्षों की घोषणा की गई थी जिसमें सिवनी जिलाध्यक्ष के पद पर ऋषभ ठाकुर की ताजपोशी की गई थी। ऋषभ ठाकुर के जिलाध्यक्ष बनने के बाद धनंजय संध्या का दर्द सोशल मीडिया में बयां हुआ था और उन्होंने लिखा था कि ‘क्योंकि हमें पिछड़ी जाति के लोगों को सिर्फ और सिर्फ एक वोट बैंक समझा जाता है और कुछ नहीं। मुझे जैसे लडक़े को सिर्फ और सिर्फ दरी फट्टी उठाने तक ही अपने आपकी सोच को सीमित रखना था ना कि जिलाध्यक्ष बनने के सपने देखना था’। इसके अलावा धनंजय ने और भी कई जुमले लिखे। धनंजय ने ऋषभ ठाकुर की नियुक्ति से आहत होकर कई कांग्रेस के नेताओं की कार्यप्रणाली को लेकर भी प्रश्रचिन्ह लगाया था। उन्होंने केवलारी के पूर्व विधायक ठा. रजनीश सिंह को लेकर भी सोशल मीडिया में बहुत कुछ लिखा था। धनंजय संध्या का जिस तरह दर्द सोशल मीडिया में छलका था उससे तो यही लग रहा था कि धनंजय उक्त नियुक्तियों से नाराज है। बाद में 18 मई को सारी नियुक्तियां रद्द कर दी गई जिसके बाद एक बार फिर धनंजय संध्या ने उच्च स्तरीय सेटिंग करते हुए एनएसयूआई का अध्यक्ष पद हथिया लिया। प्रश्र यह उठता है कि जब धनंजय को एनएसयूआई अध्यक्ष नहीं बनाया गया था तब उन्होंने आहत होकर अपनी ही पार्टी के नेताओं को कटघरे में खड़ा कर दिया था और जातिवाद की राजनीति करने लगे।
गंभीरसिंह चौधरी के विशेष आर्शीवाद से मिली जिम्मेदारी
बताया जाता है कि सिवनी जिले में प्रभारी बनाये गये गंभीरसिंह चौधरी ने पूर्व में ऋषभ ठाकुर की नियुक्ति से पहले ही धनंजय को आश्वस्त कर दिया था कि वह एनएसयूआई के अध्यक्ष होंगे लेकिन बाद में जब ऋषभ ठाकुर अध्यक्ष बने तो बाद में यह बात गंभीरसिंह चौधरी को भी नागवार गुजरी। सूत्रों की माने तो धनंजय सिंह के द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से जब विरोध करना शुरू किया गया तो धनंजय सहित जिला कांग्रेेस के अन्य पदाधिकारी भी दबाव में आ गये और उन्होंने धनंजय को अध्यक्ष बनाने की पैरवी शुरू कर दिया जिसके चलते धनंजय को जिला एनएसयूआई अध्यक्ष बना दिया गया। उक्त नियुक्ति के बाद एक बार फिर कांग्रेस के भीतर विरोध देखने को मिलने लगा। गौरतलब है कि धनंजय जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष एवं सिवनी विधानसभा के पूर्व इंका प्रत्याशी मोहन चंदेल के भांजे है जिनकी नियुक्ति के बाद एक बार फिर कांग्रेस के ऊपर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगने लगा है।